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 शंभू बॉर्डर को आंशिक तौर पर खोलने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से ही किसान संगठन सक्रिय

नई दिल्ली । छह महीने से बंद पंजाब-हरियाणा को जोड़ने वाले शंभू बॉर्डर को आंशिक तौर पर खोलने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से ही किसान संगठन सक्रिय हो गए हैं। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि किसान पहले से ही चाहते थे कि शंभू बॉर्डर खुले। रास्ता बंद होने से व्यापारियों व ट्रांसपोर्टरों को जहां करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा था, आम जनता को आने-जाने में परेशानी हो रही थी। डल्लेवाल ने कहा कि अगर किसानों की मानी मांग जल्द लागू न की, तो रास्ते खुलने पर किसान अपने ट्रैक्टर-ट्रालियों के साथ दिल्ली कूच करेंगे। किसान संगठनों का रुख साफ है कि किसान हर हाल में ट्रैक्टर-ट्रालियों के साथ ही दिल्ली कूच करेंगे। 
किसान नेता डल्लेवाल ने कहा कि किसानों के ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के साथ दिल्ली जाने से कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने के आरोप लगाए जाते हैं लेकिन वह पूछना चाहते हैं कि जब पंजाब से 13 फरवरी को बड़ी संख्या में किसान ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर रवाना हुए थे, तब रास्ते में कोई दिक्कत नहीं हुई। हरियाणा सरकार और केंद्र को ही ट्रैक्टर-ट्रॉलियों से दिक्कत क्यों है? हरियाणा सरकार केंद्र की शह पर किसानों के खिलाफ गलत प्रचार कर रही है। किसानों को अगर दिल्ली में आंदोलन करना है, तो ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के बगैर जाना संभव नहीं है। सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर डल्लेवाल ने कहा कि किसान संगठन भी मानते हैं कि हाईवे पार्किंग के लिए नहीं हैं, लेकिन किसानों को मजबूरन यहां रुकना पड़ा है। मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा। अब वापसी मांगें पूरी होने पर ही होगी। वहीं, आज सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, जिसके तहत किसान आंदोलन में मारे गए युवा किसान शुभकरन सिंह की मौत की न्यायिक जांच करवाने के लिए कहा गया थ।

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