सफेद रेगिस्तान में कच्छ रणोत्सव की शुरुआत, 15 मार्च 2025 तक चलेगा
अहमदाबाद | गुजरात के सीमावर्ती जिले कच्छ के प्रसिद्ध सफेद रेगिस्तान में स्थित टेंटसिटी में रणोत्सव आगाज हो चुका है। दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करने वाले यह रणोत्सव 15 मार्च 2025 तक चलेगा| कच्छ के धोरडा गांव में होनेवाले रणोत्सव की शुरुआत में ही पर्यटकों को उमड़ना शुरू हो गया है| बता दें कि धोरडो गांव, जहां रणोत्सव आयोजित होता है, को हाल ही में संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन द्वारा विश्व के सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव का पुरस्कार भी दिया गया है। सीमावर्ती जिला कच्छ अब पर्यटन के मामले में विश्व पटल पर पहुंच गया है। साल के अंत में कच्छ का सफेद रेगिस्तान और रणोत्सव पर्यटकों के लिए सबसे पसंदीदा स्थान बन गए हैं। रणोत्सव का अर्थ है कच्छ की कला, संस्कृति, आतिथ्य, परंपरा, संगीत का संगम। इस साल रणोत्सव में पहली बार प्लास्टिक की जगह का प्रयोग किया गया है| साथ ही इलेक्ट्रिक वाहनों और साइकिलों की संख्या भी बढ़ाई गई है। पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष से रणोत्सव में प्लास्टिक का उपयोग न्यूनतम किया गया है। दिवाली की छुट्टियां शुरू होने के साथ ही कच्छ और गुजरात समेत देशभर से पर्यटक रणोत्सव टेंट सिटी मंत बुकिंग करा चुके हैं और तय बुकिंग के मुताबिक वे इस साल रणोत्सव का आनंद लेने के लिए उमड़ेंगे| विश्व धरोहर स्थल धोलावीरा से लेकर कच्छ के सफेद रेगिस्तान तक, पर्यटक अब रोड टू हेवन के माध्यम से विश्व धरोहर धोलावीरा के साथ-साथ सफेद रेगिस्तान का भी आनंद ले सकते हैं। ऐसे में इस साल दिसंबर महीने की 80 से 90 फीसदी एडवांस बुकिंग हो चुकी है| रणोत्सव के टेंट सिटी में कच्छ संस्कृति का पूरा ढांचा खड़ा किया गया है| रणोत्सव का सफर 2009 से शुरू हुआ है| देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2009 के विजन से लेकर अब 2023 तक हर साल रणोत्सव में सुधार हुआ है और हर साल रणोत्सव को एक अलग स्तर पर ले जाया जा रहा है| इस वर्ष पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास को ध्यान में रखते हुए टेंट सिटी में भी बदलाव किये गये हैं| रणोत्सव के दौरान बनाई गई टेंट सिटी में 400 टेंट लगाए गए हैं। रणोत्सव के दौरान धरती पर दूर-दूर तक बिछी सफेद चादर का प्राकृतिक नजारा देखने के लिए पर्यटक आ रहे हैं। रणोत्सव में दरबारी और शाही तंबू पर्यटकों को आकर्षित करेंगे। सफेद रण में हर साल लाखों पर्यटक आते हैं और गुजरात पर्यटन विभाग और राज्य सरकार को करोड़ों रुपये की आय होती है। रणोत्सव में आने वाले देशी-विदेशी पर्यटक कच्छ की कला और संस्कृति को देख रहे हैं। सफेद रेगिस्तान का आनंद लेने के लिए दुनिया के कोने-कोने से आने वाले पर्यटकों को भी कच्छ के इस सफेद रेगिस्तान के अद्भुत दृश्य का आनंद लेने के बाद एक अलग अनुभूति का अनुभव हो रहा है।