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Budget IT Discount : इनकम टैक्स में छूट से कितना होगा फायदा…जानें क्या-क्या बदला?

नई दिल्ली, 01 फरवरी। Budget IT Discount : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि सात लाख रुपये तक की आमदनी वाले करदाता कोई अब कोई टैक्स नहीं देना होगा, लेकिन उससे ज़्यादा आमदनी की सूरत में संबंधित टैक्स स्लैब की दरें लागू होंगी। ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा, चांदी और सिगरेट पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाने का एलान, क्रूड ग्लिसिरीन पर लगे कस्टम ड्यूटी को 7.5 से घटाकर 2.5 करने का प्रस्ताव।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 2 लाख करोड़ रुपये केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है। अंत्योदय योजना के तहत गरीबों के लिए मुफ्त खाद्यान्न की आपूर्ति को एक वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया है। केंद्र सरकार की पुरानी गाड़ियों और एबुलेंस को नष्ट करने के लिए मदद की जाएगी। इसके लिए राज्य सरकारों को भी मदद दी जाएगी।

पीएम प्रणाम नाम का नया कार्यक्रम शुरू (Budget IT Discount) किया जाएगा जिसके तहत कृत्रिम खाद की इस्तेमाल को कम कर नैचुरल खाद के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जाएगा। अभी सालाना 5 लाख तक की आय पर व्यक्ति को कोई आय टैक्स नहीं देना होता। इस स्तर को न्यू टैक्स रिजीम में सात लाख करने का प्रस्ताव रखा गया है। साल 2020 में पर्सनल टैक्स रिजीम में छह दरें जो दी गई थीं, उसे घटा कर पांच स्तर तक किया जाएगा।

0 से 3 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।
3 से 6 लाख तक की आय पर 5 फ़ीसदी टैक्स लगेगा।
6 से 9 लाख तक की आय पर 10 फ़ीसदी टैक्स लगेगा।
9 से 12 लाख तक की आय पर 15 फ़ीसदी टैक्स लगेगा।
12 से15 लाख तक की आय पर 20 फ़ीसदी टैक्स लगेगा।
15 लाख से अधिक की आय पर 30 फ़ीसदी टैक्स लगेगा।

आसान शब्दों में समझें नए टैक्स स्लैब का मतलब

अगर आपकी आय सात लाख या उससे कम है तो आपको उसपर कोई टैक्स नहीं देना होगा। सात लाख से ज्यादा आय होने पर ही आप टैक्स के दायरे में आएंगे। मान लीजिए आपकी आय नौ लाख रुपये है। ऐसे में आपको कुल 45 हजार रुपये टैक्स देना पड़ेगा। आपकी आय के तीन लाख रुपये टैक्स फ्री होंगे। तीन से छह लाख रुपये तक की आय पर पांच फीसदी यानी 15 हजार रुपये टैक्स लगेगा। छह से नौ लाख रुपये तक की आय पर दस प्रतिशत यानी 30 हजार रुपये टैक्स लगेगा। इस तरह से आपकी कुल टैक्स देनदारी 45 हजार रुपये होगी।

अब नए टैक्स स्लैब का फायदा जान लीजिए

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नए टैक्स स्लैब का खुद फायदा भी गिनाया। उन्होंने कहा, पहले नौ लाख रुपये तक की आय वालों को 60 हजार रुपये टैक्स देना पड़ता था। अब इस आय वर्ग में आने वाले लोगों को 25 फीसदी तक का फायदा होगा। ऐसे लोगों को अब 45 हजार रुपये ही टैक्स देना होगा। इसी तरह 15 लाख रुपये तक की आय पर पहले 1 लाख 87 हजार 500 रुपये का टैक्स लगता था। अब 20 प्रतिशत के फायदे के साथ ऐसे लोगों को 1 लाख 50 हजार रुपये ही टैक्स के रूप में देने होंगे।

पिछले बजट में क्या हुआ था? 

2022 के बजट में सरकार ने टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया था। न तो राहत दी गई थी और न ही बोझ बढ़ाया गया था। जब केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से इस बाबत पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इनकम टैक्स में कोई बदलाव नहीं करना भी हर नौकरीपेशा के लिए एक बड़ी राहत की तरह है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि उन्होंने ना तो पिछले साल ना ही इस साल इनकम टैक्स के नाम पर एक भी पैसा बढ़ाया है। यानी यह भी किसी राहत से कम नहीं है।

साल 2014 के बाद से इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है। हालांकि, 2020 में सरकार ने एक नई टैक्स प्रणाली पेश की। इसमें आमदनी के हिसाब से कर का अलग-अलग दायरा तय किया गया था। लेकिन, आयकर दाताओं पर इसे अनिवार्य नहीं किया गया। उन्हें ये छूट दी गई कि वे दोनों में से किसी एक प्रणाली का इस्तेमाल करके अपना आयकर रिटर्न फाइल कर सकें।

अभी क्या है टैक्स का दायरा? 
आय  पुराना टैक्स रेटनया टैक्स रेट 
2.50 लाख तककुछ नहींकुछ नहीं
2.50-05 लाख तक05%05%
05-7.50 लाख तक20%10%
7.50-10 लाख तक20%15%
10-12.50 लाख तक30%20%
12.50- 15 लाख तक30%25%
15 लाख से अधिक पर30%30%

(नोट : ये टैक्स स्लैब 60 साल से कम उम्र के लोगों के लिए है।)

अभी पांच लाख तक के दायरे में भी छूट मिलता है

मौजूदा समय पांच लाख रुपये तक की शुद्ध कर योग्य आय वाले व्यक्ति को पुराने और साथ ही नई कर प्रणाली दोनों में धारा 87A के तहत 12,500 रुपये तक की कर छूट का लाभ मिलता है। मतलब ऐसे लोग 87A के तहत अलग-अलग निवेश दिखाकर आयकर से छूट हासिल कर लेते हैं। ऐसे में पांच लाख तक की आय वालों को भी कोई टैक्स नहीं देना पड़ता है।

साल 2014 से सेक्शन 80C के तहत कटौती की सीमा में भी कोई बदलाव नहीं हुआ है। साल 2014 के बजट में 80C के तहत किए गए निवेश पर आयकर छूट की सीमा एक लाख रुपये से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये कर दी गई थी, जबकि होम लोन पर ब्याज की कटौती की सीमा को 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दिया गया था।

साल 2015 के बजट में सरकार ने सेक्शन 80CCD के तहत राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) के तहत योगदान के लिए 50,000 रुपये की अतिरिक्त कटौती की शुरुआत की थी। स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर कटौती की सीमा भी 15,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये कर दी गई है। हालांकि, इस बार भी इसमें कोई खास बदलाव नहीं है।

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