Border-Gavaskar Trophy : कंगारुओं के खिलाफ बोला हिटमैन रोहित का बल्ला, जमाई 9वीं सेंचुरी, मर्फी ने डेब्यू में बनाया अनोखा रिकॉर्ड..
नागपुर, 10 फरवरी। Border-Gavaskar Trophy : बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का पहला टेस्ट नागपुर में खेला जा रहा है। मैच के दूसरे दिन भारतीय टीम ने 71 ओवर में 5 विकेट खोकर 201 रन बना लिए थे। मेजबान टीम ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी में 177 रन से 24 रन आगे चल रही थी। मैच में रोहित शर्मा ने जहां अपने टेस्ट करियर का 9वां शतक जड़ा, वहीं ऑस्ट्रेलिया के लिए डेब्यू कर रहे स्पिनर टॉड मर्फी ने भी एक अनोखा रिकॉर्ड अपने नाम किया।
भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने धैर्यपूर्ण बल्लबाजी करते हुए (Border-Gavaskar Trophy) एक छोर पर खूंटा गाड़े रखा। उन्होंने दूसरे छोर से गिरते विकेटों के बीच अपने टेस्ट करियर का 9वां शतक जड़ा। उन्होंने मर्फी की गेंद पर आगे निकलकर ऑफ साइड में शॉर्ट खेला और सैंकड़ा पूरा करने के लिए 171 गेंदों का सामना किया। इसके साथ ही वह बतौर कप्तान क्रिकेट के तीनों प्रारूप में शतक जमाने वाले दूनिया के चौथे कप्तान बन गए हैं। उनसे पहले श्रीलंका के तिलकरत्ने दिलशाल, दक्षिण अफ्रीका के फाफ डुप्लेसिस और पाकिस्तान के बाबर आजम यह कारनामा कर चुके हैं।
टी20 अंतरराष्ट्रीय में छक्का लगाकर अपना खाता खोलने वाले सूर्यकुमार यादव ने अपने टेस्ट करियर का पहला रन भी चौका लगाकर पूरा किया। उन्होंने मर्फी की गेंद को बैकवार्ड स्क्वायर लेग पर स्वीप लगाकर टेस्ट करियर में अपना रनों का एकाउंट खोला। वह कोहली के आउट होने के बाद 5वें नंबर पर बल्लेबाजी करने मैदान पर उतरे। दर्शकों उत्साह के साथ उनका स्वागत किया लेकिन दाएं हाथ का यह बल्लेबाज उम्मीदों पर खडा नहीं उतरा और सिर्फ 8 रन बनाकर नाथन लियोन का शिकार बने।कवर ड्राइव खेलने से चूक गए आर गेंद बल्ले तथा पैड का छकाते हुए ऑफ स्टंप स जा टकराई।
मर्फी ने नागपुर टेस्ट में अपने (Border-Gavaskar Trophy) चयन का सही साबित करते हुए भारत के शीर्षक्रम को झकझोड़ा। उन्होंने पहले दिन भारतीय उपकप्तान केएल राहुल को अपने ही गेंद पर कैच आउट कर पवेलियन भेजा था। दाएं हाथ के इस ऑफ स्पिनर ने दूसरे दिन आर. अश्विन, चेतेश्वर पुजारा और विराट कोहली का विकेट लेकर उन आलोचकों का मुंह बंद कर दिया जो एश्टन एगर को नजरंदाज कर मर्फी को प्लेइंग इलेवन में जगह देने को गलत बता रहे थे। 22 वर्षीय यह गेंदबाज टेस्ट डेब्यू पर विरोधी टीम के पहले 4 विकेट लेने वाले ऑस्ट्रेलिया के तीसरे गेंदबाज बने। उनसे पहले 1901-02 में सिडनी में इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए मैच में जैक सौंडर्स और 1957-58 में इयान मैककिफ यह उपलब्धि हासिल कर चुके हैं।