रिजर्व बैंक मानसून में करोड़ों लोगों को दे सकता है राहत 

नई दिल्‍ली । ‎विश्लेषकों का कहना है ‎कि रिजर्व बैंक मानसून में करोड़ों लोगों पर राहत की बारिश कर सकता है और 16 महीने से जारी सूखे से राहत ‎मिल सकती है। विश्‍लेषकों का कहना है कि इस बार यह कयास हवा में नहीं लगाया जा रहा, बल्कि कई बड़ी और ठोस वजहें हैं। रिजर्व बैंक की अगली बैठक अगस्‍त में होने वाली है और यह कई मायनों में बेहद खास होगी। दरअसल, रिजर्व बैंक ने पिछली 8 बैठकों में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। हर बैठक 2 महीने के अंतराल पर होती है। इस लिहाज से बीते से 16 महीने से रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं हुआ। रेपो रेट 6.5 फीसदी पर बरकरार है। रेपो रेट वह दर होती है, जिसके आधार पर बैंक अपने लोन की ब्‍याज दरें तय करते हैं। इसमें कटौती होने पर सभी तरह के खुदरा लोन भी सस्‍ते हो जाते हैं और ईएमआई घट जाती है। रिजर्व बैंक के हाथों को सबसे ज्‍यादा महंगाई ने थाम रखा है। महंगाई काबू में आते ही आरबीआई के हाथ भी खुल जाते हैं। खासकर खाने-पीने की चीजों की महंगाई दर अभी 5 फीसदी से नीचे चल रही है और आने वाले समय में यह 4 फीसदी के आसपास रहने का अनुमान है। बुनियादी चीजों की महंगाई दर भी 11 महीने में 2 फीसदी नीचे आ चुकी है। आरबीआई ने 2024-25 के लिए खुदरा महंगाई की वृद्धि दर 4.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है। सिर्फ महंगाई नहीं, देश की मजबूत विकास दर भी ब्‍याज दरों में कटौती का आधार तैयार कर रही है। वित्‍तवर्ष 2023-24 में भारत की विकास दर 8.2 फीसदी रही है। इसके अलावा जीएसटी कलेक्‍शन हो या विनिर्माण क्षेत्र की ग्रोथ हर जगह तेज वृद्धि दिख रही है। भारत का सर्विस सेक्‍टर भी मजबूत बना हुआ है। भारतीय मौसम विभाग ने इस बार खरीफ की फसल की पैदावार बढ़ने का अनुमान लगाया है. मौसम विभाग को भरोसा है कि इस बार मानसून अच्‍छा रहेगा और पैदावार अच्‍छी होने से ग्रामीण क्षेत्र की खपत भी बढ़ जाएगी. यही कारण है कि आरबीआई ने चालू वित्‍तवर्ष का विकास दर अनुमान भी 7 फीसदी से बढ़ाकर 7.2 फीसदी कर दिया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button