लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में बीजेपी को हुए नुकसान पर शनिवार (22 जून) को प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को रिपोर्ट सौंपी. भूपेंद्र चौधरी जेपी नड्डा के आवास पर पहुंच हैं और उन्हें हार की वजहें बताई. बताया जा रहा है कि इस रिपोर्ट में भी उन वजहों का जिक्र है, जिनकी वजह से यूपी में बीजेपी का प्रदर्शन निराशजनक रहा. रिपोर्ट सौंपने के बाद चौधरी नड्डा से आवास से निकल गए. यूपी में बीजेपी को जहां 2019 के चुनाव में 62 सीटों पर जीत मिली थी, वहीं इस बार पार्टी 36 सीटों पर ही सिमट कर रह गई है. बीजेपी को उम्मीद थी कि राम मंदिर निर्माण के बाद यूपी में उसके रथ को कोई रोकने वाला नहीं होगा. बीजेपी ने तो यूपी में 80 में से 70 सीटें जीतने का टारगेट रखा था, लेकिन जिस तरह के चुनावी नतीजे आए. उसने पार्टी की तैयारियों की कलई खोल दी. बीजेपी 70 तो दूर की बात है, बल्कि 40 से भी कम सीटों पर जीत हासिल कर पाई. यूपी में हुए नुकसान की वजह से ही बीजेपी लगातार तीसरी बार बहुमत के आंकड़ें से दूर रह गई. बीजेपी को इस बार 240 सीटों पर जीत मिली है.
यूपी की किन महत्वपूर्ण सीटों पर बीजेपी को मिली हार?
बीजेपी को पश्चिमी यूपी में तो फिर भी कुछ सफलता मिली है, लेकिन पश्चिमी यूपी में उसका बुरा हाल हुआ है. बलिया, गाजीपुर, रॉबर्ट्सगंज, सलेमपुर, घोसी, आजमगढ़, लालगंज, जौनपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज जैसी सीटों पर बीजेपी को हार का मुंह देखना पड़ा है. बीजेपी के लिए सबसे बड़ी हार फैजाबाद-अयोध्या सीट को माना जा रहा है. कहा गया कि राम मंदिर निर्माण के बाद यहां पर बीजेपी की जीत आसान होगी, लेकिन सपा ने इस सीट पर जीत हासिल की है. यूपी में बीजेपी के खराब प्रदर्शन के बाद भूपेंद्र चौधरी ने बीजेपी अध्यक्ष के पद से इस्तीफे की पेशकश भी की थी. उन्होंने राज्य में मिली हार की जिम्मेदारी ली और इस्तीफे की पेशकश की. हालांकि, वह अभी तक इस पद पर बने हुए हैं. फिलहाल वह पार्टी को उन वजहों के बारे में बताना चाहते हैं, जिनकी वजह से हार हुई है. यूपी में बीजेपी को 33 सीटों पर तो एनडीए के अन्य सहयोगियों को तीन सीटों पर जीत मिली थी.