राज्य

14 दिनों के अंदर जुलाई में 2 बार एकादशी का व्रत….करें इस मंत्र का जाप, होगा कल्याण

अयोध्या : सनातन धर्म में एकादशी तिथि बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है .इस दिन सनातन धर्म को मानने वाले लोग व्रत रहकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा आराधना करते हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार साल में 24 एकादशी का व्रत पड़ता है. ऐसी मान्यता है कि एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति को सभी दुखों से मुक्ति मिलती है. साथ ही व्यक्ति को सुख समृद्धि और वैभव की प्राप्ति होती है. ऐसा कहा जाता है कि एकादशी व्रत को रखने से व्यक्ति को राक्षस योनि की प्राप्ति नहीं होती बल्कि मोक्ष मिलता है. तो चलिए आज हम आपको इस रिपोर्ट में बताते हैं कि जुलाई महीने में किस-किस तिथि को एकादशी का व्रत रखा जाएगा.

दरअसल अयोध्या के ज्योतिष पंडित कल्कि राम बताते हैं कि हिंदू पंचांग के अनुसार जुलाई माह में देवशयनी एकादशी इसके साथ ही कामिका एकादशी का व्रत रखा जाएगा. आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 16 जुलाई को शाम 8:35 पर शुरू होगी जिसका समापन 17 जुलाई को शाम 9:02 पर होगा. उदया तिथि के मुताबिक 17 जुलाई को देवशयनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा. इसके साथ ही सावन माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी 30 जुलाई को शाम 4:44 पर शुरू होगी. जिसका समापन 31 जुलाई को शाम 3:55 पर होगा. उदया तिथि के मुताबिक 31 जुलाई को कामिका एकादशी का व्रत रखा जाएगा.यानि 14 दिनों के अंदर जुलाई में 2 बार एकादशी का व्रत होगा.

अमोघ मंत्र के जाप का महत्व
ज्योतिष पंडित कल्कि राम बताते हैं कि धार्मिक मान्यता के अनुसार एकादशी तिथि के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा आराधना करने का विधान है. कहा जाता है कि इस दिन के दिन विधि विधान पूर्वक भगवान विष्णु की पूजा आराधना करने से जातक के सभी तरह की मनोकामनाएं पूरी होती हैं. साथ ही पूजा आराधना करने के बाद भगवान विष्णु के अमोघ मंत्र का जाप करने से जीवन में आ रही तमाम तरह की परेशानियों से मुक्ति भी मिलती है.

करें अमोघ मंत्र का जाप
1 ॐ श्री विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्॥

2. ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।

ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।

3. मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः।. मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥
 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button