‘कनाडा में हिंदू विरोधियों के लिए जगह नहीं’, खालिस्तान प्रेम पर बुरे फंसे जस्टिन ट्रूडो…
जस्टिन ट्रूडो की सरकार की खालिस्तानियों के साथ हमदर्दी अब कनाडा के लोगों को भी खलने लगी है।
18 अगस्त को खालिस्तानियों की भारत के विरोध में प्रदर्शन करने पर आपत्ति जताई है। विपक्षी दल का कहना है कि इस तरह की हरकतें बर्दाश्त नहीं की जा सकती।
जस्टिन ट्रूडो कनाडा में फूट डालने का काम कर रहे हैं। बता दें कि खालिस्तानियों कि 18 अगस्त को भारतवंशियों ने स्वतंत्रता दिवस समारोह का आयोजन किया था।
इस मौके पर खालिस्तानी वहां पहुंच गए और कार्यक्रम में खलल डालने लगे। खालिस्तानी ‘हिंदुओं वापस जाओ’ का नारा भी लगा रहे थे।
जानकारी के मुताबिक सिख फॉर जस्टिस के सदस्यों ने पर्चे भी उड़ाए। इसके बाद कनाडाई हिंदुओं और खालिस्तानियों के बीच भिड़ंत भी हो गई थी।
कनाडा में कंजरवेटिव पार्टी के नेता पिएरे पोइलीवर ने कहा, हिंदुओं को भी पूजा-पाठ और अपने आयोजन करने का आधिकार है। उन्हें अपने परिवार की सुरक्षा करने का अधिकार है। उन्हें भी बिना किसी से डरे शांतिपूर्वक रहने का अधिकार है।
उन्होंने कहा, कनाडा में हिंदूफोबिया अजेंडे और हिंदू विरोधियों के लिए कोई जगह नहीं है। लेकिन हमारे प्रधानमंत्री ने लोगों को बांट दिया है।
हालांकि उनकी मनमानी नहीं चल पाएगी। जरूरत है कि हम लोगों को साथ लाएं। सबको स्वतंत्रता हो और सभी देशभक्त हों। वहीं पिएरे के इस बयान के लिए कोलिशन ऑफ हिंदूज ऑफ नॉर्थ अमेरिका संगठन के अंध्यक्ष ऋषभ सारस्वत ने उन्हें धन्यवाद दिया है। उन्होंने कहा, आपने कनाडा में हिंदूफोबिया को पहचाना, इसके लिए धन्यवाद।
उन्होंने कहा, पिएरे ने कनाडा में हिंदुओं की चुनौतियां जानीं। कम से कम उन्होंने इस बात की जिक्र किया कि हिंदू समुदाय कनाडा में घृणा और हमलों का सामना कर रहा है।
कनाडियन हिंदू चैंबर ऑफ कॉमर्स ने भी उनके इस बयान का स्वागत किया है। संगठन के अध्यक्ष कुशाग्र दत्त शर्मा ने कहा, कनाडाई हिंदू भी कनाडा का ही हिस्सा हैं।
वे आम नागरिकों के ही तरह सभी अधिकारों के हकदार हैं। उन्हें अपने धर्म को मानते हुए शांतिपूर्वक रहने का अधिकार है। इस तरह से झूठे दावे करके या फिर धमकी देकर हिंदुओं को देश से नहीं निकाला जा सकता है।
बता दें कि कनाडा में एनडीपी के समर्थन वापस लेने के बाद जस्टिन ट्रूडो की सरकार पर संकट मंडरा रहा है। ऐसे में इस बात के भी कयास लगाए जा रहे हैं कि वहां मध्यावधि चुनाव करवाने पड़ सकते हैं।
वैसे कनाडा में आम चुनाव अक्टूबर 2025 में होने हैं। कनाडा का विपक्ष इस मुद्दे को हाथ से नहीं निकलने देना चाहता।
The post ‘कनाडा में हिंदू विरोधियों के लिए जगह नहीं’, खालिस्तान प्रेम पर बुरे फंसे जस्टिन ट्रूडो… appeared first on .