अंतरराष्ट्रीय

अमेरिका में भारतीय परिवारों ने मनाया दशहरा

बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व दशहरा देशभर में जिस उत्साह के साथ मनाया गया उसकी एक झलक सात समंदर पार अमेरिका में भी देखने को मिली। यहां के टेक्सास प्रांत के ह्यूस्टन शहर में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों ने अपने बच्चों को त्यौहारों की सांस्कृतिक विरासत से जोडऩे के उद्देश्य से दशहरा पर्व का धूमधाम से आयोजन किया।
अमेरिकी शहर ह्यूस्टन में इंडो-अमेरिकन्स केटी संस्था द्वारा आयोजित दशहरा कार्यक्रम की पूरी तैयारियां जेपी मॉर्गन चेस बैंक में कार्यरत गुना निवासी आलोक दुबे की पत्नि शैली पाठक ने की। शैली भी गुना के मठकरी कॉलोनी की रहने वाली हैं और विवाह के बाद अपने पति आलोक के साथ यूएसए शिफ्ट हो गई हैं। केटी संस्था की अगुवाई में आयोजित कार्यक्रम के लिए सभी इंतजाम शैली पाठक द्वारा किए गए। इसके बाद जब रावण दहन का अवसर आया तो संस्था के सदस्यों ने सबसे पहले अपने बच्चों को रावण के 10 सिरों का महत्व विस्तार से बताया। रावण के आचरण, बल और कार्यों की अच्छी-बुरी सभी जानकारियां बच्चों को दी गईं और उसका दहन क्यों किया जाता है इसके बारे में रामायण के अनुसार पूरा वृतांत बताया गया। अमेरिका में निवासरत इंडो-अमेरिकन्स ऑफ केटी संस्था ने अनोखा निर्णय लेते हुए तय किया कि रावण के अत्याचार का शिकार हुईं माता सीता के माध्यम से ही उसका दहन होना चाहिए। इसके बाद माता सीता के प्रतीक स्वरूप रावण दहन करने का अवसर भी गुना की शैली पाठक को ही दिया। उन्होंने उपलब्ध संसाधनों (लाइटर) के माध्यम से रावण का दहन कर दिया। इसके बाद उपस्थित भारतीय समुदाय द्वारा भगवान श्रीराम के जयकारे लगाए गए। कार्यक्रम के अंत में संस्था की ओर से सभी को स्वल्पाहार कराया गया।

गुना निवासी आलोक दुबे ने बताया कि ह्यूस्टन के केटी क्षेत्र में कुल 580 परिवारों की आबादी निवासरत हैं। जिनमें से 200 भारतीय हैं। समय-समय पर भारतीय त्यौहारों का आयोजन किया जाता है। इस बार दशहरा की तैयारियां 3 से 4 दिन पहले शुरु कर दी गई थीं। भारतीय समय का ध्यान रखते हुए अमेरिका में दशहरा पर्व 11 अक्टूबर की रात (भारत में तब 12 अक्टूबर का समय था) को मनाया गया। इस कार्यक्रम में 100 से ज्यादा परिवार सम्मिलित हुए। अच्छी बात यह रही कि अमेरिकी सरकार ने पहली बार दीपावली पर्व के लिए आतिशबाजी खरीदने की अनुमति जारी की है। इसलिए समुदाय को दशहरा पर्व मनाने का विचार आया और पूरी तैयारियों के साथ कार्यक्रम आयोजित किया। इससे पहले अमेरिकी स्वतंत्रता दिवस 4 जुलाई और एक जनवरी नए साल पर ही आतिशबाजी खरीदने और उसे चलाने की अनुमति मिलती थी।
अब दीपावली की तैयारियां शुरु
आलोक दुबे साल 2009 से अमेरिकी शहर टेक्सास में रहते हैं। उनके मुताबिक केटी क्षेत्र में रहने वाली इंडो-अमेरिकी संस्था सभी त्यौहार मिल-जुलकर मनाती है। यहां दीपावली का अलग ही माहौल है। अन्य त्यौहारों में अधिकांशत: भारतीय परिवार ही सम्मिलित होते हैं। लेकिन दीपावली का आयोजन इतना भव्य होता है कि सभी समुदाय, धर्म और राष्ट्रीयता के लोग सहभागी बनते हैं। दीपावली की तैयारियां इंडो-अमेरिकन्स केटी संस्था द्वारा अभी से शुरु कर दी गई हैं। यहां दीपावली मनाने का अंदाज भी पूरी तरह अलग है। पारम्परिक रूप से मां लक्ष्मी की पूजा करना, आतिशबाजी चलाना और मिठाइयां बांटने के अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते हैं। जिनमें भारत की अलग-अलग संस्कृति के लोग अलग-अलग नृत्य और कार्यक्रमों की प्रस्तुति देते हैं। इस आयोजन को देखने के लिए मेला लगता है।

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