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राज्य के सभी थानों पर आईजी की नजर, पंडरी टीआई चोरी मामले में महिला थाना प्रभारी सस्पेंड …

रायपुर। राजधानी रायपुर सहित राज्य के सभी थानों के टीआई की कार्यप्रणाली पर नजर रखी जा रही है। थाना क्षेत्र में रहने वालों से उनके बारे में फीडबैक लिया जा रहा है। महिला थाना प्रभारी को करीब तीन माह पहले उन्हीं के थाने में रंगे हाथों पकड़ा गया था। अब पंडरी टीआई को सस्पेंड किया गया है। पंडरी टीआई पर चोरों से जब्त 12 लाख के जेवरों को थाने की बजाय अपने स्टाफ के घर रखवाने का आरोप है। चूंकि, सभी पर नजर रखी जा रही है, इसलिए आला अफसरों को शिकायत मिल गई। जांच के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया।

अफसरों के अनुसार, थाना प्रभारियों के साथ अन्य स्टाफ की गतिविधियों की भी निगरारी रखी जा रही है। भ्रष्टचार या गड़बड़ी करने वाले किसी भी स्टाफ को छोड़ा नहीं जाएगा। राजधानी में थानेदारों के तबादलों को इसी से जोड़ा जा रहा है। मोवा-पंडरी टीआई मल्लिका बैनर्जी तिवारी को आईजी अमरेश मिश्रा ने सोमवार को निलंबित किया था। एक दिन बाद मंगलवार को एसएसपी डॉ. संतोष सिंह ने हाल ही में प्रमोट हुए टीआई कमलेश देवांगन को मोवा-पंडरी थाना का प्रभारी बनाया है। सरस्वती नगर टीआई सुरेंद्र श्रीवास्तव को भी हटा दिया गया है। उनकी जगह टीआई रविंद्र यादव को सरस्वती नगर थाना प्रभारी बनाया गया। एसआई से टीआई बने हरीश साहू को ट्रैफिक में पोस्टिंग दी गई है। चर्चा है कि, इसी महीने शहर की पुलिसिंग में बड़े फेरबदल की तैयारी है। आईजी ने टीआई और अधिकारियों को पुलिसिंग सुधारने 15 दिन का समय दिया है।

आईजी मिश्रा दूसरे दिन भी उतरे सड़क पर, किया निरीक्षण
वहीं दूसरे दिन भी आईजी मिश्रा ने बीतें मंगलवार को सड़क पर उतरे और मौदहापारा, छोटापारा, बैजनाथपारा और बीएसयूपी कॉलोनी में पैदल गश्त किया। वहां के लोगों से मिले और चर्चा की। शहर के घने और आबादी वाले इलाकों में सीसीटीवी कैमरा लगाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि, जिला प्रशासन की मदद से ऐसे इलाकों में कैमरे लगाएं जो संवेदनशील है। उन्होंने बीएसयूपी कॉलोनी में सत्यापन कराने का निर्देश दिया है। वहीं सुधार नहीं होने पर कई टीआई हटा दिए जाएंगे।

ईओडब्ल्यू-एसीबी में कई शिकायतें दर्ज
सूत्रों के जानकारी मिली हैं कि, रायपुर के अलावा राज्य के कई थानेदारों की एसीबी-ईओडब्ल्यू में शिकायतें मिल रही है। ज्यादातर टीआई की शिकायतें है कि, चारसौबीसी के मामलों में रिश्वत के बिना एफआईआर नहीं की जा रही है। पैसा नहीं देने पर पीड़ित को कोर्ट भेज दिया जा रहा है। ठगी के केस महीनों भटकने के बाद भी केस दर्ज नहीं किया जा रहा है। खासतौर पर नौकरी के नाम पर ठगी होने पर पीड़ित भटकते रहते हैं। टोनही प्रताड़ना में फंसाने की धमकी देकर मोटी रकम मांगी जा रही है। एक टीआई पर 9 लाख रुपए मांगने का आरोप है। कबाड़ियों, स्पा, होटल, बार और ढाबा वालों से वसूली की शिकायतें हैं। कई टीआई ने रोज के पैसों का टारगेट सेट कर रहे हैं।

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