व्यापार

दिल्ली के छठ घाटों पर डूबते सूर्य को अर्घ्य देंगे श्रद्धालु

नई दिल्ली । छट घाटों पर डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। छठ घाटों पर बुधवार को ही काफी रौनक दिखाई देने लगी। कई श्रद्धालुओं ने अपने पूजा के स्थल का चयन कर लिया है। वहीं, बुधवार को छठ मार्केटों में काफी अधिक भीड़ रही। वहीं, आईएमडी के अनुसार शाम के समय स्मॉग छाया रह सकता है। जिसकी वजह से सूर्य मद्धम नजर आएगा। छठ पूजा पर मुख्य रूप से सूर्यदेव और छठी मैया की अराधना की जाती है। सूर्य को अर्घ्य देने व्रती महिलाएं छठ घाटों पर जाती हैं। राजधानी के विभिन्न इलाकों में छठ पूजा के लिए एक हजार से अधिक घाट तैयार किए गए हैं। अधिकांश घाट मंदिरों, पार्कों, खाली मैदानों में तैयार किए गए हैं। कुछ घाट यमुना किनारे भी बने हैं। प्रकृति के इस पर्व को घाट पर करने का मकसद प्रकृति के साथ जल के प्रति भी सम्मान व्यक्त करना है। यही वजह है कि लोग नदियों, तलाबों और पवित्र जलाशयों में छठ पूजा करते आए हैं। लेकिन बीते कुछ सालों से यमुना में झाग और प्रदूषण को देखते हुए यहां छठ पूजा पर रोक लगा दी जाती है। छठ पर अर्घ्य देने से एक दिन पहले कोर्ट ने इस बार भी यमुना में छठ पूजा की इजाजात नहीं दी। इससे कई जगहों पर श्रद्धालुओं में मायूसी भी दिखाई दी। सागरपुर की देविका देवी ने बताया कि वह तीन सालों से यमुना के किनारे छठ पूजन नहीं कर पाई हैं। तीन साल पहले तक वह यमुना के किनारे छठ पूजा मनाने पूरे परिवार के साथ जाया करते थे। लोगों के अनुसार, छठ पूजा के समय यमुना को साफ सुथरा रखना चाहिए था। वहीं विभिन्न बाजारों में रौनक रही। कालकाजी इलाके में बुधवार को छठ पूजा के सामानों से बाजार सजा हुआ नजर आया। इस दौरान पूजा संबंधित विभिन्न चीजों को खरीदने के लिए भीड़ रही। लोग फलों, मिठाइयों और सब्जियों की खरीदारी पूरे उत्साह से कर रहे थे। ग्रेटर कैलाश के कालकाजी जन्माष्टमी पार्क में छठ पूजा का भव्य आयोजन किया जा रहा है। यहां पर भगवान सूर्य की सात घोड़े के रथ पर सवार प्रतिमा स्थापित की गई है। यहां 17 सालों से छठ पूजा का आयोजन हो रहा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button