अंतरराष्ट्रीय

अमेरिका : गर्भपात की दवा ‘मिफेप्रिस्टोन’ पर नहीं लगेगी रोक

अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने व्यापक रूप से इस्तेमाल की जाने वाली गर्भपात की गोली को प्रतिबंधित करने की मांग को खारिज कर दिया है। इससे राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन को एक बड़ी जीत मिली है। वहीं गर्भपात का विरोध करने वाले समूह और डॉक्टरों को झटका लगा है। 

निचली अदालत के फैसले को पलटा

न्यायाधीशों ने गुरुवार को 9-0 से फैसला सुनाया। अदालत ने गर्भपात की गोली मिफेप्रिस्टोन को सीमित करने से इनकार कर दिया, जिसपर निचली अदालतों ने रोक लगा दी थी। निचली अदालतों के फैसलों पर रोक लगाने के फैसले से दवा की उपलब्धता गंभीर रूप से प्रतिबंधित हो जाती। अब सुप्रीम कोर्ट ने इस दवा के पहुंच को सीमित करने के फैसले पर रोक लगा दी है। बता दें, इस दवा का इस्तेमाल देश में आधे से अधिक गर्भपात के मामलों में किया जाता है। 

क्या है मिफेप्रिस्टोन?

अमेरिका में मिफेप्रिस्टोन और मिसोप्रोस्टॉल नाम की गोलियों का इस्तेमाल गर्भ गिराने के लिए होता है। इन गोलियों के सेवन को अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने मान्यता दे रखी है। इन गोलियों का इस्तेमाल गर्भ ठहरने के पहले 10 हफ्तों के अंदर किया जाता है। इन गोलियों की ऑनलाइन डिलीवरी भी होती है। अमेरिका के जिन राज्यों ने गर्भपात पर रोक लगाई है, अब वहां इन गोलियों की डिलीवरी रोकने के उपायों पर विचार चल रहा है। मिफेप्रिस्टोन को सन् 2000 में एफडीए रेगुलेटरी ने अनुमति दी थी। इस दवा का 60 फीसदी से अधिक गर्भपात के मामलों में इस्तेमाल होता है।

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