Bharose Ka Sammelan : नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का सम्बोधन आरम्भ
रायपुर, 08 सितंबर। Bharose Ka Sammelan : जय जोहार से अपने संबोधन की शुरूआत। राजनांदगांव जिले के पुरोधाओं का स्मरण किया। इसके साथ ही गुरु घासीदास, शहीद वीरनारायण सिंह को नमन किया। छत्तीसगढ़ का इतिहास बलिदान का है। यह सांप्रदायिक सद्भाव की धरती है। जांजगीर में मैं भरोसे का सम्मेलन आया था। जांजगीर में मेडिकल कालेज का नामकरण मिनी माता के नाम से किया गया है। यहां शीघ्र ही मेडिकल कालेज आरंभ होगा। मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिपरिषद के सदस्यों ने जिस तरह से काम किया है। वो अभूतपूर्व है। जो भरोसा उन्होंने किया वो निभाया है। ये गरीबों की, दलितों की, पिछड़े ही और किसानों की सरकार है। यहां के लोग बहुत मासूम हैं। अपने काम में मसरूफ रहते हैं। दूसरी बातों में इनको ध्यान नहीं रहता।
गांधी जी कहते थे कि मैं ऐसे भारत का निर्माण करना चाहता हूँ जहां गरीब से गरीब आदमी भी महसूस करें कि देश उनका है। एक जमाना था जब बहुत कम धान किसानों का खरीदा जाता था। अब इस साल एक लाख सात हजार मीट्रिक टन धान खरीदा जा रहा है। 19 लाख किसानों का कृषि ऋण माफ किया गया। राजीव गांधी किसान न्याय योजना हमने लाई। इंग्लिश मीडियम स्कूल आरंभ किये गये। लघु वनोपज हम लोग खरीद रहे हैं। आदिवासी भाईबहनों को वनाधिकार दिया गया। हमने बेरोजगारी भत्ता बढ़ाकर 2500 रुपए कर दिया। केंद्र सरकार ने भी छत्तीसगढ़ के मिलेट मिशन की बहुत तारीफ की। जितना अच्छा काम छत्तीसगढ़ में हो रहा है वो पहले कभी नहीं हुआ था। नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक 5 साल में 40 लाख लोग छत्तीसगढ़ में गरीबी से बाहर आये हैं।