व्यापार

लोकसभा चुनावों के नतीजों के बीच मनीष सिसोदिया को बड़ा झटका

नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े सीबीआई और ईडी की जांच वाले मामलों में मनीष सिसोदिया की अंतरिम जमानत याचिकाओं पर विचार करने से इनकार कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि ईडी और सीबीआई की तरफ से अंतिम आरोपपत्र दाखिल किए जाने के बाद मनीष सिसोदिया अपनी जमानत याचिकाओं पर विचार के लिए फिर से आग्रह कर सकते हैं। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि ईडी और सीबीआई द्वारा तीन जुलाई तक दिल्ली आबकारी नीति मामलों में अंतिम शिकायत व आरोपपत्र दाखिल कर दिया जाएगा। ईडी और सीबीआई द्वारा दर्ज मामलों में जमानत याचिकाएं खारिज करने के दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सिसोदिया ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री को बड़ा झटका देते हुए हाईकोर्ट ने 21 मई को कथित घोटाले के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज अलग-अलग मामलों में उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी और कहा था कि यह मामला उनकी ओर से सत्ता का गंभीर दुरुपयोग किए जाने और जनता से विश्वासघात से जुड़ा है। हालांकि, हाईकोर्ट के जस्टिस स्वर्णकांत शर्मा की पीठ ने स्पष्ट किया कि वह ट्रायल कोर्ट की शर्तों का पालन करते हुए अपनी बीमार पत्नी से हर हफ्ते मिलना जारी रख सकते हैं। इसके पहले मार्च में, सुप्रीम कोर्ट ने सिसोदिया की क्यूरेटिव याचिकाओं को खारिज कर दिया था। इस बीच, दिल्ली की एक अदालत ने पिछले हफ्ते सीबीआई द्वारा जांच किए जा रहे शराब घोटाले के मामले में सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 6 जुलाई तक बढ़ा दी है। ईडी ने पिछले साल नौ मार्च को दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री सिसोदिया को शराब नीति मामले में गिरफ्तार किया था। सिसोदिया को इससे पहले सीबीआई ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (जीएनसीटीडी) की आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं से संबंधित मामले की जांच के दौरान गिरफ्तार किया था। वह इस समय दोनों मामलों में न्यायिक हिरासत में हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button