छत्तीसगढ़-कोंडागांव में चपरासी बना छात्रावास का अधीक्षक, छुट्टी से शिक्षकों के न लौटने से व्यवस्था बिगड़ी
कोंडागांव.
कोंडागांव जिले के आश्रम छात्रावासों में दीवाली की छुट्टियों के बाद भी अध्यापन व्यवस्था अस्त-व्यस्त है। 28 अक्तूबर से तीन नवंबर तक जिले के सभी आश्रम छात्रावासों में दीवाली अवकाश घोषित किया गया था, जिसके बाद चार नवंबर से शिक्षण कार्य प्रारंभ होना था। लेकिन कई छात्रावासों में अधीक्षकों और शिक्षकों की अनुपस्थिति की शिकायतें सामने आ रही हैं।
कोंडागांव विकासखंड के ग्राम कारसिंग स्थित बालक आश्रम में भी ऐसा ही मामला सामने आया है। इस आश्रम के अधीक्षक लक्ष्मी नारायण सोनकर, जो धमतरी के निवासी हैं। छुट्टियों में अपने घर गए थे और मंगलवार पांच नवंबर तक लौटे नहीं हैं। आश्रम में छात्रों की देखभाल का कार्य चपरासी सालिगराम कोर्राम और अन्य कर्मचारी कर रहे हैं। चपरासी सालिगराम कोर्राम ने बताया कि अधीक्षक छुट्टियों के बाद भी नहीं लौटे हैं, और आश्रम के बच्चों की देखभाल के लिए अन्य कोई जिम्मेदार अधिकारी नहीं हैं। बच्चों की सुरक्षा और देखभाल में हो रही इस लापरवाही से छात्रावास में अराजकता बन रही है। छात्रावास के कई अभिभावकों ने भी इस स्थिति पर नाराजगी जाहिर की है। उनका कहना है कि जिम्मेदार अधिकारियों के बिना बच्चों की सुरक्षा और शिक्षा पर गहरा असर पड़ रहा है। मामले को लेकर विभागीय अधिकारियों से हस्तक्षेप की अपेक्षा है, ताकि छात्रों की सुरक्षा और शैक्षिक व्यवस्था में सुधार लाया जा सके।