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स्वाइन फ्लू का खतरा : दो नए मामले सामने आए, सतर्क रहें

जांजगीर-चांपा। जिले में 66 वर्षीय महिला की स्वाइन फ्लू से मौत हो गई है। इस घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग ने संपर्क ट्रेसिंग की, जिसमें पता चला कि उसके घर की एक महिला और एक पुरुष में संक्रमण की पुष्टि हुई है। उन्हें होम आइसोलेशन में रखा गया है। महिला शिक्षिका है और उसके स्कूल के शिक्षकों की सोमवार को जांच होनी है।

बिलासपुर में एक महिला की स्वाइन फ्लू से हुई मौत

8 अगस्त को बिलासपुर में बलौदा ब्लॉक की एक महिला की स्वाइन फ्लू से मौत हो गई। अपोलो अस्पताल में इलाज के दौरान उसका सैंपल लिया गया, जिसमें वायरस की पुष्टि हुई। हालांकि, महिला अपोलो से दूसरे अस्पताल चली गई, जहां 8 अगस्त को उसकी मौत हो गई। स्वास्थ्य विभाग ने उसके परिवार के सदस्यों के सैंपल लिए, जिसमें पता चला कि उनमें से दो में वायरस की पुष्टि हुई है। संक्रमित व्यक्तियों में से एक शिक्षक है, जो बीते शनिवार को स्कूल गया था, जबकि स्वास्थ्य विभाग ने सभी घर के सदस्यों को दस दिनों के लिए घर से अलग रहने का निर्देश दिया था। इसके अलावा, ग्राम प्रधान ने पुलिस को सूचना दी है कि घर के सदस्य घर से अलग रहने के बावजूद समुदाय में घूमते देखे गए हैं।

भीड़-भाड़ वाली जगहों में जाने से बचे 

डॉ. जगत इस बात पर जोर देते हैं कि, स्वाइन फ्लू के संक्रमण को रोकने का सबसे प्रभावी तरीका शारीरिक दूरी बनाए रखना है। भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचना उचित है। सार्वजनिक क्षेत्रों में फेस मास्क पहनना ज़रूरी है। नियमित रूप से साबुन और पानी से हाथ धोएँ या हैंड सैनिटाइज़र का इस्तेमाल करें। सर्दी या फ्लू के लक्षणों के मामले में, डॉक्टर से परामर्श करने से संक्रमण के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है। COVID-19 महामारी के खत्म होने के बाद, कई लोग शारीरिक दूरी और मास्क पहनने के महत्व को पूरी तरह से भूल गए हैं।

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