राष्ट्रीय

भीषण गर्मी से देश में घटी डीजल की मांग

देश में लोकसभा चुनाव और उसके बाद जिस तरह से गर्मी का प्रकोप देखने को मिला है। उससे सभी त्रस्त हैं, और गर्मी का असर सिर्फ इंसानों तक सीमित नहीं था। कई तरह के व्यवसाय भी गर्मी की वजह से प्रभावित हुए हैं। एक तरफ जहां केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल के दामों में कटौती की थी। जिससे बिक्री में बढ़ोत्तरी की आशंका थी। लेकिन परिणाम इसके बिल्कुल उलट रहा।ईंधन बाजार के 90 प्रतिशत हिस्से को नियंत्रित करने वाली तीन सरकारी कंपनियां की पेट्रोल बिक्री जून के पहले पखवाड़े में 1.42 मिलियन टन रही, जो पिछले साल इसी अवधि में खपत किए गए 1.41 मिलियन टन ईंधन के लगभग बराबर है। लेकिन महीने-दर-महीने खपत में 4.6 प्रतिशत की गिरावट आयी है।

जून महीने की पहली तारीख से 15 जून तक डीजल की बिक्री में पिछले साल के एक जून से 15 जून के समय की तुलना में कुल 3.9 प्रतिशत की गिरावट आई है और यह 39.5 लाख टन तक रह गई है। बता दें कि देश में सबसे ज्यादा खपत वाले ईंधन की मांग में अप्रैल में 2.3 प्रतिशत और मार्च में 2.7 प्रतिशत की गिरावट आई थी। जबकि मई महीने में 1.1 प्रतिशत तक की गिरावट देखने को मिली है।

उम्मीद जताई जा रही थी कि चुनाव प्रचार के अलावा, गर्मियों की फसल कटाई के मौसम और कारों में एयर कंडीशनिंग की मांग को बढ़ाने वाली चिलचिलाती गर्मी के कारण ईंधन की खपत में बढ़ोत्तरी होनी चाहिए थी। हालांकि, इस साल इस ऐसे सभी रुझानों के उलट ही परिणाम मिला है। बता दें कि मार्च महीने के मध्य में लगभग दो सालों के बाद पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 2 रुपये की कटौती की गई थी। लेकिन उससे कोई फायदा नहीं हुआ है।वहीं 1-15 मई के दौरान 1.47 मिलियन टन खपत की तुलना में महीने-दर-महीने पेट्रोल की बिक्री में 3.6 प्रतिशत की गिरावट आई।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button