मनोरंजन

विकसित भारत’ जैसे सपनों का सच से सामना: मासूमों के शवों को ले जाने नहीं मिली एम्बुलेंस, कंधों पर लादकर 15 किमी तक पैदल चले माता-पिता

रायपुर। छत्तीसगढ़ से सटे महाराष्ट्र के गढ़चिरौली से मानवता को शर्मसार करने वाली तस्वीर सामने आई है। घोर नक्सल प्रभावित इस क्षेत्र में एक माता-पिता अपने दो मासूम बच्चों की मौत के बाद उनके शवों को कंधे पर लादकर 15 किलोमीटर तक पैदल चलने को मजबूत दिखाई दिए। शवों को घर तक ले जाने के लिए परिजनों को एम्बुलेंस नहीं मिली थी। रोते-बिलखते मां-पिता अपने बच्चों के शवों को कंधों पर लादकर ले जाने मजबूर दिखाई दिए।

डॉक्टर के बजाये बैगा से इलाज करवाना पड़ा महंगा
दरअसल, पूरी घटना  घटना चार सितंबर की है। नक्सलवाद प्रभावित गढ़चिरौली जिले में बच्चों की तबियत खराब होने के बाद मां-बाप इन्हें अस्पताल न ले जाकर किसी बैगा के पास लेकर चले गए। उसने कोई जड़ी-बूटी खिलाई, झाड़ फूंक किया जिसके बाद हालत और बिगड़ गई। बच्चों की खराब हालत देख वे किसी तरह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। जांच के दौरान ही दोनों को मृत घोषित कर दिया गया।

कीचड़ भरे रास्ते से कंधे पर अपने बच्चों के शव लेकर पैदल निकल पड़े मां-बाप
स्वास्थ्य केंद्र में कोई एम्बुलेंस नहीं थी, इसलिए दूसरी जगह से एम्बुलेंस बुलाने की तैयारी की गई, लेकिन दोनों बच्चों को खो चुके दंपत्ति ठहरने की हालत में नहीं थे। जिमलगट्टा स्वास्थ्य केंद्र से पट्टीगांव तक कोई पक्की सड़क नहीं है, इसलिए वे कीचड़ भरे रास्ते से कंधे पर अपने बच्चों के शव लेकर पैदल ही चल पड़े। घटना का वीडियो वायरल होते ही लोगों में नाराजगी देखी जा रही है। बताया जा रहा है कि एनसीपी के शरद पवार गुट की सांसद सुप्रिया सुले ने सरकार की आलोचना की।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button