केदारनाथ में आपदा पर आस्था भारी, 3 महीने में 17 भक्तों की मौत फिर भी 11 लाख से ज्यादा श्रद्धालु उमड़े…
बाबा केदार के प्रति देश-विदेश के यात्रियों की अटूट आस्था के चलते यात्रा मार्ग में हो रहे हादसों के बाद भी भक्तों के कदम नहीं रुक रहे हैं।
सोनप्रयाग से लेकर केदारनाथ धाम तक आपदा के डर पर भक्तों का भरोसा भारी पड़ रहा है।
जिसके चलते सोनप्रयाग में सोमवार शाम को हादसा होने के बाद भी मंगलवार को करीब 2500 यात्री केदारनाथ रवाना हुए हैं।
हिमालय स्थित 11700 फीट की ऊंचाई पर भगवान केदारनाथ का मंदिर करोड़ों हिन्दुओं की आस्था का केंद्र है। यहां विकट से विकट परिस्थिति में भी बाबा के भक्त दर्शनों को पहुंचते रहे हैं।
इस साल 10 मई को केदारनाथ धाम के कपाट खुलने से लेकर अब तक भूस्खलन और पहाड़ी से पत्थर गिरने की चार बड़ी घटनाएं घट चुकी हैं जिसमें 19 यात्रियों की मौत हुई है।
20 लापता और 11 यात्री घायल हुए हैं। बावजूद यात्रियों की आस्था में कोई कमी नहीं आई है। बीते साल 2023 में जहां पूरे यात्रा सीजन में करीब 19 लाख तीर्थयात्री केदारनाथ के दर्शनों के लिए पहुंचे थे।
वहीं इस साल अभी तक 11.17 लाख से अधिक तीर्थयात्री बाबा केदार के दर्शन कर चुके हैं।
बीते दिन ही बारिश और अनेक बाधाओं को पार करते हुए करीब 5 हजार यात्री केदारनाथ धाम पहुंचे थे। जबकि मंगलवार को भी करीब 2500 यात्री सोनप्रयाग से केदारनाथ के लिए रवाना हुए हैं।
तीर्थयात्रियों का कहना है कि बाबा केदार तो सबके पालनहार हैं।
सतर्क रहते हुए यात्रा की जानी चाहिए। बारिश होते ही सुरक्षित स्थानों पर रुकने में ही समझदारी है।
एसडीएम श्याम सिंह राणा ने बताया कि सोमवार शाम को 630 बजे गौरीकुंड से सोनप्रयाग के लिए आवाजाही बंद कर दी गई थी किंतु उक्त यात्री उससे पहले ही यहां से निकल गए थे। जिससे रास्ते में यह हादसा हो गया।
रुद्रप्रयाग जिले में वर्ष 2024 में हुई घटनाओं का ब्योरा
–19 जून केदारनाथ पैदल मार्ग के चीड़बासा में भूस्खलन से 3 की मौत और 6 लोग घायल हुए।
-22 अगस्त को केदारनाथ हाईवे पर फाटा के पास भूस्खलन से 4 लोगों की की मौत हुई।
-31 जुलाई को केदारनाथ में लिंचोली में अतिवृष्टि से 7 की मौत, 2 घायल 20 लापता हुए।
-9 सितंबर को सोनप्रयाग में भूस्खलन में 5 यात्रियों की मौत और तीन लोग घायल हुए।
शाम पांच बजे बाद आवाजाही बंद एसपी
सोमवार शाम सोनप्रयाग में हुए दर्दनाक हादसे को लेकर मंगलवार को नवनियुक्त पुलिस अधीक्षक अक्षय कोंडे ने घटनास्थल का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने घटना के कारणों की समीक्षा की।
साथ ही यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए शाम 5 बजे बाद सोनप्रयाग से गौरीकुंड और गौरीकुंड से सोनप्रयाग के लिए आवाजाही प्रतिबंधित कर दी है। केदारनाथ के निरीक्षण के बाद पुलिस अधीक्षक मंगलवार को सीधे सोनप्रयाग घटनास्थल पहुंचे। जहां उन्होंने मौके का मुआयना किया।
केदारनाथ में दो दिन पूर्व हुए भूस्लखन के बाद तीर्थ यात्रियों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। यात्रा रूट पर भूस्खलन के बाद एसडीआरएफ समेत जिला प्रशासन और पुलिस फोर्स ने राहत व बचाव कार्य शुरू किया था।
घायलों को रेस्क्यू कर अस्पताल पहुंचा। कई घंटों तक राहत व बचाव कार्य जारी रहा था।
मृतकों का विवरण
-गोपाल पुत्र भक्तराम निवासी जीजोड़ा पो. राजोद जिला धार मध्य प्रदेश।
-दुर्गाबाई खापर पत्नी संघन लाल निवासी नेपावाली, जिला घाट, मध्य प्रदेश।
-तितली देवी पत्नी राजेंद्र मंडल निवासी ग्राम वैदेही जिला धनोसा नेपाल।
-भारत भाई निरालाल पुत्र निरालाल पटेल निवासी ए 301 सरदार पैलेस करवाल नगर खटोदरा सूरत गुजरात ।
-समनबाई पत्नी शालक राम निवासी झिझोरा जिला धार मध्य प्रदेश
घायलों का विवरण
-जीवच तिवारी पुत्र रामचरित निवासी धनवा नेपाल
-मनप्रीत सिंह पुत्र कश्मीर सिंह निवासी वेस्ट बंगाल
-छगनलाल पुत्र भक्त राम निवासी राजोत जिला धार मध्य प्रदेश
प्रशासन की ओर से यात्रियों को बारिश और रास्ते की स्थिति से लगातार अवगत कराया जाता रहा है। यात्री सजग होते हुए यात्रा करें ताकि किसी तरह की कोई दुर्घटना न हो। यात्रा पड़ावों पर तैनात स्टाफ को निर्देशित किया गया है कि यात्रियों को खराब मौसम में आवाजाही न कराएं। कई बार भक्तों की जिद भारी पड़ जाती है।
अनिल कुमार शुक्ला, एसडीएम ऊखीमठ
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