मनोरंजन

गायत्री शक्तिपीठ: नौ कुंडीय महायज्ञ के साथ गंगा दशहरा व गायत्री जयंती कार्यक्रम संपन्न 

बिलासपुर । अखिल विश्व गायत्री परिवार, शांतिकुंज, हरिद्वार के निर्देशन में गायत्री परिवार के सभी शाखाओं में यज्ञीय कार्यक्रम रखा गया। स्थानीय गायत्री शक्तिपीठ विनोबानगर, बिलासपुर में दो दिवसीय कार्यक्रम रखा गया ।
श्री द्वारिका प्रसाद पटेल ने बताया कि जिस प्रकार स्थूल गंगा भूमि को सींचती, प्राणियों की तृषा मिटाती, मलिनता हरती और शांति देती है ,वही सब विशेषताएं अध्यात्म क्षेत्र में गायत्री महाशक्ति रूपी ज्ञान गंगा की है। कार्यक्रम अंतर्गत प्रथम दिवस सामूहिक अखंड जाप किया गया एवं द्वितीय दिवस गंगा दशहरा, गायत्री जयंती एवं अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापक परम पूज्य सदगुरुदेव पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी का महाप्रयाण दिवस के उपलक्ष में गंगा मैया- मां गायत्री के विशेष पूजन, सजल श्रद्धा – प्रखर प्रज्ञा के विशेष आहुतियों के साथ के साथ नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ करके युग ऋषि का संदेश सुनाया गया। शांतिकुंज के संदेश को जिला समन्वयक श्रीमती नंदिनी पाटनवार ने बताते हुए कहा कि पूज्यवर के श्री चरणों में नए परिजनों को कार्यकर्ता व साधक बनाकर अपनी भावांजलि समर्पित करें। संकल्पों की भावांजलि कुछ इस प्रकार समर्पित करें, जिसके माध्यम से यथाशीघ्र हम सभी मिलकर 108 नए परिजनों के घर देव स्थापनाएं, 108 नए दीक्षित परिजन, 501 नए परिजनों से संपर्क, 51 परिजनों को नौ दिवसीय संजीवनी साधना सत्र हेतु भागीदारी, 21- परिजनों को युग शिल्पी/ परिब्राजक सत्र, 21 नए प्रज्ञा मंडल/ महिला मंडल का गठन और 108 घरों में सद्ग्रंथ स्थापना,108 नए समयदानी और 108 नए अंशदानी तैयार करने में सफल हो जाएं। कार्यक्रम के शुभ अवसर पर सी. पी. सिंह  (पूर्व मुख्य प्रबंध ट्रस्टी एवं पूर्व उपजोन समन्वयक बिलासपुर) तथा श्रीमती चंद्रवती वैश्य (सेवानिवृत प्राचार्य), मुख्य प्रबंध ट्रस्टी हेमराज वैश्य जी का सम्मान गायत्री मंत्र चादर दुपट्टा से किया गया, इन्होंने भी अपने पूज्य गुरुदेव से जुड़े संस्मरणों को सुनाते हुए हुए मां गायत्री एवं पूज्य गुरुदेव के प्रति कृतज्ञता को प्रकट किया तत्पश्चात्र राष्ट्रीय साहित्यकार डॉ बृजेश सिंह ने भी अपना संस्मरण व कविता सुनाया। कार्यक्रम का मंच संचालन राम कुमार श्रीवास, शत्रुघ्न कश्यप, श्रीमती जे लाल, मालती मिश्रा, डॉक्टर रूमी दुबे, एम.डी. मानिकपुरी ने किया तत्पश्चात सामूहिक अमृतासन- सहभोज प्रसाद का सभी को वितरण किया गया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button