‎निर्यात में राहत दे सकती है सरकार, चावल के बढ़ेंगे भाव 

नई दिल्ली । केंद्र सरकार ‎चावल निर्यात में राहत देने की तैयारी कर रही है। दरअसल, वरिष्ठ मंत्रियों की एक समिति चावल की कुछ किस्मों पर लगे प्रतिबंध की समीक्षा की जरूरत पर विचार कर रही है। अगर प्र‎तिबंध हटाया गया तो फिर चावल की कीमत बढ़ना तय है। वहीं आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले साल जुलाई-अगस्त में चावल निर्यात पर लगे प्रतिबंधों से बासमती की तुलना में गैर-बासमती चावल पर ज्यादा असर पड़ा है। सूत्रों ने कहा कि समिति जल्द ही चावल की कुछ किस्मों के निर्यात पर प्रतिबंधों में ढील देने को लेकर दिए गए सुझावों पर विचार करेगी, क्योंकि इसका केंद्रीय पूल में भंडार जरूरत से ज्यादा हो गया है। कुछ पर्यवेक्षकों का मानना है कि समिति प्रतिबंधों में ढील देने का फैसला खरीफ में धान की बोआई की स्थिति साफ होने तक के लिए टाल सकती है। अगले महीने से केंद्र सरकार खुले बाजार में चावल बेचना शुरू करने जा रही है। केंद्र ने राज्यों को बगैर किसी निविदा के उससे चावल खरीदने की अनुमति भी दे दी है इस चावल की बिक्री 28 रुपये किलो होगी। इस फैसले से कई राज्य, खासकर दक्षिण भारत के राज्य अपनी खाद्यान्न योजना फिर से शुरू कर सकेंगे। इस बात की भी संभावना है कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) का अतिरिक्त चावल एथनॉल बनाने के लिए भी दिया जाए, जो पिछले कुछ महीने से रुका हुआ है। ऐसा इसलिए भी है, क्योंकि अनाज से एथनॉल बनाने वाले सरकार पर (ओएमसी) द्वारा एथनॉल की एफसीआई के गोदामों से सस्ते खरीद दर में वृद्धि करने की मांग की चावल की आपूर्ति बहाल करने की थी, मांग कर रहे हैं। उनका तर्क है कि ऐसा न होने से उनके संयंत्र बंद हो जाने खतरा है। उनका कहना है कि पिछले 6 महीने में खुले बाजार में टूटे चावल की कीमत औसतन 22 से 24 रुपये किलो से बढ़कर 27 से 29 रुपये किलो हो गई है। मक्के की कीमत भी औसत 22 से 23 रुपये किलो से बढ़कर 26 से 27 रुपये किलो पहुंच गई है। इस कीमत पर भी आपूर्ति सीमित है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button