एफडीआई नियमों के उल्लंघन पर अमेजन और फ्लिपकार्ट को समन जारी करेगी सरकार
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नियमों के उल्लंघन के मामले में सरकार ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अमेजन और फ्लिपकार्ट को पूछताछ के लिए समन जारी कर सकती है। सूत्रों ने बताया, पिछले सप्ताह अमेजन और फ्लिपकार्ट के विक्रेताओं के यहां छापेमारी के दौरान मिले दस्तावेज की जांच के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) दोनों कंपनियों के अधिकारियों को बुलाने की तैयारी कर रहा है। विक्रेताओं के कारोबारी आंकड़ों और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के साथ पांच साल में हुए लेनदेन की जांच भी होगी।
अधिकारियों ने दी जानकारी
अमेजन के दो और फ्लिपकार्ट के चार बड़े विक्रेताओं के यहां शनिवार तक तलाशी अभियान चला। मिले दस्तावेज से साबित हो गया कि विदेशी निवेश नियमों का उल्लंघन हुआ है। छापे में पता चला कि दोनों प्लेटफॉर्म का इन्वेंट्री पर शुरू से अंत तक नियंत्रण था और विक्रेताओं का सिर्फ नाम था।
जांच में हुआ खुलासा
2021 में अमेजन के आंतरिक पेपर्स के आधार पर रॉयटर्स की जांच से पता चला कि कंपनियों ने कुछ सबसे बड़े विक्रेताओं की इन्वेंट्री पर महत्वपूर्ण नियंत्रण रखा है। दरअसल, अमेजन व अन्य कंपनियों की प्रतिस्पर्धी-रोधी कारोबार प्रथाओं के कारण छोटे व्यापारियों को नुकसान हो रहा है, इसलिए इन पर निगरानी रखी जा रही है। चुनिंदा विक्रेताओं को फायदा पहुंचाने के आरोप में हाल ही में दोनों कंपनियों के विक्रेताओं के यहां ईडी ने छापेमारी की थी।
अप्पारियो को पहुंचाया विशेष फायदा
सूत्रों में से एक ने सोमवार को कहा, कभी अमेजन के सबसे बड़े भारतीय विक्रेता रहे अप्पारियो के यहां भी पिछले सप्ताह छापा मारा गया था। अप्पारियो को आंतरिक रूप से एक विशेष व्यापारी के रूप में बताया गया था। अन्य विक्रेताओं के विपरीत इन्वेंट्री प्रबंधन जैसी चीजों के उपयोग के लिए अप्पारियो को फायदा पहुंचाया गया था।
विदेशी कंपनियां भारत में नहीं रख सकती इन्वेंट्री
नियमों के मुताबिक, विदेशी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स भारत में इन्वेंट्री नहीं रख सकते हैं। वे केवल ऑनलाइन बाजार के तौर पर काम कर सकते हैं। भारत के करीब 5.91 लाख करोड़ रुपये के
ई-कॉमर्स बाजार में अमेजन और फ्लिपकार्ट की बिक्री तेजी से बढ़ रही है। डेटाम इंटेलिजेंस का अनुमान है कि बीते साल भारतीय ई-कॉमर्स में फ्लिपकार्ट की 32 फीसदी व अमेजन की 24 फीसदी बाजार हिस्सेदारी है। यह देश के कुल 834 अरब डॉलर के खुदरा बाजार का 8 फीसदी हिस्सा है।
जोमैटो और स्विगी पर भी चल रही जांच
उधर, प्रतिस्पर्धा नियमों के उल्लंघन मामले में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ऑनलाइन फूड डिलीवरी मंच जोमैटो और स्विगी के खिलाफ जांच कर रहा है। इन दोनों पर चुनिंदा रेस्टोरेंट चेन को फायदा पहुंचाने का आरोप है।
हालांकि, दोनों कंपनियों ने जांच की खबरों को भ्रामक बताया है। इसके साथ ही जोमैटो ने कहा कि वह देश के कानूनों का पालन करती है। आयोग ने पांच अप्रैल 2022 की सूचना के बाद से कोई आदेश पारित नहीं किया है। वहीं, स्विगी का कहना है कि वह नियमों का पालन करने को प्रतिबद्ध है।