पाकिस्तान के गुजरानवाला के मूल निवासी है गोविंदा

आज यहां हम कहानी सुनाने जा रहे हैं बॉलीवुड स्टार गोविन्दा नहीं बल्कि उनकी मां की। गोविन्दा ने अपनी मां की ये कहानी खुद सुनाई थी। हममें से अधिककर लोग ये जानते होंगे कि उनकी मां एक धार्मिक महिला रही हैं, जिन्होंने पति, परिवार को होते हुए साध्वी बनने का फैसला लिया था। हालांकि, इनके बारे में कुछ रिपोर्ट्स ऐसे भी हैं कि गोविन्दा की मां जन्म से तो मुसलमान थीं लेकिन एक्टर अरुण कुमार आहूजा से शादी के बाद वो हिन्दू बनीं। इसके बाद गोविन्दा के जन्म के समय से वह साध्वी हो गईं और ताउम्र उन्होंने पूजा-पाठ और आध्यात्म में समय गुजारा।

गोविन्दा ने एक बार रिपोर्ट्स से बातचीत में पूरा किस्सा सुनाया था। उन्होंने कहा था, 'मेरे पिता अरुण को 1940 में महबूब खान साहब ने फिल्म 'औरत' में हीरो के तौर पर लॉन्च किया था। हम मूल रूप से पाकिस्तान के गुजरानवाला से हैं। मेरे पिता बहुत सफल थे और हमारे पास कार्टर रोड पर एक बंगला भी था, लेकिन एक दिन उन्होंने एक फिल्म बनाई और भारी घाटे में चले गए। हमें अपना बंगला बेचना पड़ा और विरार चले आये। मेरे पिताजी का नर्वस सिस्ट खराब हो गया था और लगभग 15 साल तक वो बीमार रहे। मेरी चार बहनें और एक बड़ा भाई कीर्ति है। जब मैं पैदा होनेवाला था तब मेरी मां साध्वी बन गईं। वह मेरे पिता के साथ एक ही घर में रहती थीं, लेकिन वो संन्यासियों वाली जिंदगी दी रही थीं।'

गोविन्दा ने कहा था, 'इसलिए मेरे जन्म के एक साल बाद तक, मेरे पिताजी ने मुझे अपनी गोद में नहीं लिया। उन्हें लगने लगा था कि मेरे पैदा होने की वजह से ही उन्होंने अपनी पत्नी को खो दिया। मेरे जन्म को वो मां के साध्वी बनने से जोड़ने लगे थे। लेकिन समय के साथ, लोगों ने उन्हें बताना शुरू किया कि मैं कितना खूबसूरत बच्चा था और मैं एक अच्छा लड़का हूं। फिर धीरे-धीरे वह मुझसे प्यार करने लगे। मेरा भाई रोशन तनेजा साहब के इंस्टीट्यूट में एक्टिंग सिखाता था। मैं अपनी मां के सबसे करीब था और किसी ने सोचा भी नहीं था कि मैं फिल्म लाइन में आ सकता हूं। वह चाहती थीं कि मैं बैंक में नौकरी करूं। वो मेरे पिता ही थे जिन्होंने मुझे फिल्मों में आने के लिए प्रोत्साहित किया। वह कहते थे- तुम इतना अच्छा लिख सकते हो, तुम बहुत अच्छे दिखते हो, तुम एक्टिंग कर सकते हो, तुम्हें फिल्मों में ट्राई करना चाहिए। तुम नौकरी की तलाश में क्यों घूम रहे? इसलिए कभी-कभी, अपनी मां को बताए बिना मैं राजश्री प्रोडक्शंस में ये देखने के लिए चला जाता था कि क्या मुझे कोई काम मिल सकता है।'

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button