खेल

नर्सिंग कॉलेजों पर सख्ती का असर

मान्यता के लिए आवेदन ही नहीं कर रहे कॉलेज संचालक

भोपाल । मप्र में नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़ा में शासन की सख्ती का असर दिखने लगा है। पूरे प्रदेश में 45 हजार की जगह 6 हजार के नीचे इस बार नर्सिंग की सीट रह सकती है। मान्यता नवीनीकरण के लिए करीब 300 आवेदन नर्सिंग कॉलेज संचालकों ने दिए हैं। इन 300 आवेदनों में से करीब 125 ही मान्यता योग्य है। बता दें कि मामले की जांच एवं सीबीआई की रिपोर्ट में 175 नर्सिंग कॉलेज को मान्यता योग पाए गए थे। सख्ती के बाद कई नर्सिंग कॉलेज संचालक हाथ पीछे खींच रहे है। कई कॉलेज संचालकों ने मान्यता के लिए आवेदन ही नहीं दिया है। साल 2020 में 670 कॉलेज में करीब 45 हजार नर्सिंग की सीट थी। पिछले साल सरकार ने तय किया था कि नए कॉलेजों को मान्यता नहीं मिलेगी। वहीं पहले से संचालित नर्सिंग कॉलेजों का नवीनीकरण किया जाएगा। जानकारी के अनुसार दो से तीन दिन के अंदर मान्यता का नवीनीकरण का काम पूरा हो जाएगा।
सीबीआई और हाई कोर्ट द्वारा गठित उच्च स्तरीय जांच समिति के परीक्षण में भले ही लगभग 175 नर्सिंग कॉलेज मान्यता के योग्य पाए गए हैं, पर सख्ती के चलते कई कॉलेज संचालक हाथ खींच रहे हैं। उन्होंने मान्यता के लिए आवेदन ही नहीं किया है। सीटों की बात करें तो इन 125 कॉलेजों में जीएनएम (डिप्लोमा पाठ्यक्रम) और बीएससी (नर्सिंग) मिलाकर लगभग छह हजार सीटें ही हैं, जबकि वर्ष 2020 के बाद एक समय ऐसी स्थिति थी कि प्रदेश में 670 नर्सिंग कॉलेजों में 45 हजार तक सीटें थीं। यह कॉलेजों और सीटों की अब तक की सर्वाधिक संख्या रही। सीटें कम होने का बड़ा नुकसान नर्सिंग पाठ्यक्रम में प्रवेश की तैयारी कर रहे युवक-युवतियों का होगा।

कोई नया कॉलेज नहीं खोला जाएगा
मप्र नर्सिंग काउंसिल के अधिकारियों ने बताया कि एक-दो दिन के भीतर मान्यता जारी होने की उम्मीद है। राज्य सरकार ने तय किया है वर्ष 2023 की तरह इस वर्ष भी कोई नया कॉलेज नहीं खोला जाएगा, सिर्फ पहले से संचालित कॉलेजों को ही मान्यता दी जाएगी। नवीनीकरण के लिए कॉलेजों से आवेदन मांगे गए थे, जिनके परीक्षण का काम लगभग पूरा हो गया है। मान्यता नवीनीकरण सूची जारी होने के बाद एमपी ऑनलाइन से प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी। प्रवेश के लिए कर्मचारी चयन मंडल पहले ही प्रवेश परीक्षा आयोजित कर चुका है। चिकित्सा शिक्षा संचालनालय के अधिकारियों ने बताया कि दिसंबर में प्रवेश प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। बता दें, लॉ स्टूडेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल ने नर्सिंग कॉलेजों के संचालन में मापदंड को लेकर हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी। कुछ कॉलेजों का फर्जीवाड़ा मध्य प्रदेश नर्सिंग काउंसिल ने पकड़ा। हाई कोर्ट ने अपात्र कॉलेजों को बंद करने के निर्देश दिए। इस तरह लगभग 200 कॉलेज बंद हो गए। अभी 485 कॉलेज संचालित हो रहे हैं। इनमें लगभग 350 बंद हो जाएंगे क्योंकि वे मान्यता के लिए जरूरी सुविधाओं के पैमाने पर खरे नहीं उतर रहे। आगे भी यही स्थिति रही तो प्रदेश की आवश्यकता के अनुसार नर्सिंग कर्मचारी निजी एवं सरकारी अस्पतालों को नहीं मिल पाएंगे।

शीघ्र रिजल्ट जारी करने की मांग
उधर, भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन ने नर्सिंग परीक्षा परिणामों में देरी पर सवाल खड़े किए हैं। एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति को पत्र लिखकर नर्सिंग के प्रथम एवं तृतीय वर्ष के परीक्षा परिणाम शीघ्र घोषित करने की मांग की है। बता दें, नर्सिंग घोटाले और विश्वविद्यालय की लापरवाही के चलते 2020-21 सत्र की बीएससी नर्सिंग, एमएससी नर्सिंग और पोस्ट बीएससी नर्सिंग प्रथम वर्ष की परीक्षाएं चार साल बाद मई 2024 में आयोजित की गई थीं। इसके अलावा 2019-20 सत्र की बीएससी नर्सिंग तृतीय वर्ष की परीक्षा भी काफी समय बाद मई 2024 में हुई थी।

6 महीने बाद भी रिजल्ट घोषित नहीं
रवि परमार ने बताया कि, परीक्षाएं खत्म हुए 6 महीने से ज्यादा हो गए हैं, लेकिन अब तक रिजल्ट घोषित नहीं किए गए हैं। इससे विद्यार्थियों को मानसिक तनाव और शैक्षणिक असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। इस देरी का सीधा असर विद्यार्थियों की आगामी परीक्षाओं और कक्षाओं पर पड़ रहा है। विश्वविद्यालय के नर्सिंग परीक्षा कैलेंडर के अनुसार, नवंबर 2024 में 2020-21 सत्र के द्वितीय वर्ष और 2019-20 सत्र के चतुर्थ वर्ष की परीक्षाएं होनी थीं, लेकिन परिणामों की घोषणा न होने के कारण अगली परीक्षाएं भी प्रभावित हो रही हैं। परमार ने बताया कि बीएससी नर्सिंग का कोर्स 4 साल का होता है। वहीं एमएससी नर्सिंग और पोस्ट बीएससी नर्सिंग का कोर्स 2 साल का है, लेकिन 4 साल से ज्यादा हो गए अभी तक फस्र्ट ईयर का रिजल्ट भी नहीं आया। छात्रों से फीस समय पर ली जाती हैं, लेकिन परीक्षा और रिजल्ट के लिए 4-4 साल इंतजार करना पड़ता है। रवि परमार ने चेतावनी दी है कि, यदि विश्वविद्यालय प्रशासन शीघ्र ही परिणाम घोषित नहीं करता है तो हृस्ढ्ढ नर्सिंग छात्र-छात्राओं के साथ मिलकर उग्र आंदोलन करेगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button