भारत को 2030 तक एक लाख कंपनी सचिवों की आवश्यकता होगी: आईसीएसआई

नई दिल्ली। कंपनी सचिवों के शीर्ष निकाय आईसीएसआई का कहना है ‎कि तेज आर्थिक वृद्धि और बढ़ते हुए कंपनी संचालन के दौरान भारत को 2030 तक लगभग एक लाख कंपनी सचिवों की जरूरत होगी। वर्तमान में 73,000 से अधिक कंपनी सचिव हैं और इनमें से लगभग 12,000 कंपनी सचिव कार्यरत हैं। कंपनी सचिव कंपनियों में विभिन्न सांविधिक जरूरतों का अनुपालन सुनिश्चित कर कॉरपोरेट संचालन ढांचे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भारतीय कंपनी सचिव संस्थान (आईसीएसआई) के एक व‎रिष्ठ अ‎धिकारी ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को देखने के नजरिये में महत्वपूर्ण बदलाव आया है और कंपनी सचिव भारत को दुनिया के सबसे पसंदीदा निवेश स्थलों में से एक बनाने में एक महत्वपूर्ण कड़ी बन गये हैं। उन्होंने हाल ही में कहा कि भारत को 2030 तक लगभग एक लाख कंपनी सचिवों की आवश्यकता होगी। विभिन्न अनुमानों के अनुसार भारत के 2030 तक 7,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की उम्मीद है। वित्त मंत्रालय की इस साल जनवरी में जारी रिपोर्ट में कहा गया था ‎कि वित्तीय क्षेत्र और हाल के तथा भविष्य के संरचनात्मक सुधारों के दम पर आने वाले वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर सात प्रतिशत से ऊपर रहेगी। मुद्रास्फीति रुख और विनिमय दर के आधार पर, भारत 2030 तक 7,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है। संस्थान ने पेशे में अधिक युवा प्रतिभाओं को आकर्षित करने के लिए कंपनी सचिव कार्यकारी कार्यक्रम में स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों का सीधा पंजीकरण भी शुरू किया है। आईसीएसआई ने अन्य उपायों के अलावा कॉरपोरेट निदेशक मंडल में अपनाई जाने वाली सचिव स्तर की गतिविधियों में एकरूपता लाने के लिए मानक पेश किये हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button