खेल

मप्र में जमकर हो रही है मानसून की बारिश…कई शहर-गांव बने टापू

भोपाल। मप्र में बारिश से छोटी-बड़ी नदियां उफान पर हैं। बरगी, बाणसागर जैसे 10 बड़े बांधों के गेट खोलकर पानी छोड़ा जा रहा है। जबलपुर में बरगी बांध 94 प्रतिशत भर चुका है। बरगी बांध के 21 में से 17 गेट खोलकर पानी छोड़ा जा रहा है। रविवार को 17 गेट 2.03 मीटर तक खोले गए, सोमवार शाम 6 बजे इनकी ऊंचाई बढ़ाकर 2.44 मीटर कर दी गई है। इधर, शिवपुरी में सिंध नदी में उफान आने से टापू पर 18 लोग फंस गए थे। दो घंटे की मशक्कत के बाद पुलिस और एसडीईआरएफ की टीम ने उनका रेस्क्यू किया। उधर, उत्तराखंड में केदारनाथ यात्रा पर गए धार के 6 यात्रियों को सेना के हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू किया गया।
सागर के बीना में गौधाम जलाशय में सेल्फी लेने के दौरान दो लोगों की डूबने से मौत हो गई। सतना में मकान ढहने से दिव्यांग युवक की मौत हो गई। हरदा में भी जर्जर मकान की दीवार ढह गई। सागर के बीना और खुरई में मकानों में पानी भर गया। श्योपुर में चंबल और पार्वती नदी उफान पर चल रही है। खातौली कोटा हाईवे और श्योपुर-कुहांजापुर बारां हाईवे पर बने पुल और रपटे पानी में डूब गए हैं। इन रुटों पर आवागमन पूरी तरह से बंद हो गया है। चंबल और पार्वती नदियों में जारी उफान की वजह से सुंड़ी और सांढ़ गांव टापू बन गए हैं। पार्वती नदी से चारों ओर से घिरे सुंड़ी गांव में नदी का पानी लगातार बढ़ता जा रहा है, इसे देखते हुए सोमवार को एसडीआरएफ की टीम ने मोटर बोट की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है।

ककरा घाट पुल डूबा, गाडरवाड़ा-तेंदुखेड़ा मार्ग बंद


जबलपुर जिले में नर्मदा नदी पर बने बरगी डैम के13 गेट खोलकर पानी छोड़ा है। इससे नर्मदा नदी उफान पर है। नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा और तेंदूखेड़ा को जोडऩे वाले ककरा घाट पुल के ऊपर नर्मदा का पानी जा रहा है। इससे गाडरवारा-तेंदूखेड़ा सडक़ मार्ग पर आवागमन रोक दिया गया है। जबलपुर से बालाघाट जाते वक्त मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सिवनी जिले की छपारा तहसील में वैनगंगा नदी पर बने भीमगढ़ बांध के बैकवाटर का निरीक्षण किया। सीएम ने यहां 22 जुलाई को अतिवर्षा से पैदा हुई बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों को राहत कार्य सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए।

मप्र में अब तक 20 प्रतिशत ज्यादा बारिश


प्रदेश में मानसून की एंट्री 21 जून को हुई थी। एक सप्ताह में ही पूरे प्रदेश में मानसून छा गया था, तभी से तेज बारिश का दौर चल रहा है। इस वजह से अब तक 20 प्रतिशत बारिश ज्यादा हो चुकी है। प्रदेश के पश्चिमी हिस्से- भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, चंबल, उज्जैन और नर्मदापुरम संभाग में औसत से 22 प्रतिशत और पूर्वी हिस्से- जबलपुर, रीवा, शहडोल और सागर संभाग में औसत से 17 प्रतिशत अधिक बारिश हो चुकी है। मौजूदा सिस्टम से पहले पूर्वी हिस्से में कम बारिश हुई थी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button