संसद सुरक्षा चूक केस: दिल्ली पुलिस ने दाखिल की सप्लीमेंट्री चार्जशीट
नई दिल्ली। संसद सुरक्षा चूक मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने सोमवार को कोर्ट में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल कर दी है। इस मामले में अब आरोपियों को दो अगस्त को कोर्ट में पेश किया जाएगा और सुनवाई होगी। इस मामले में दिल्ली के राज्यपाल वीके सक्सेना ने सभी आरोपियों के खिलाफ यूएपीए के तहत केस चलाने की मंजूरी दी है। अब पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट में आरोप पत्र दायर कर दिया है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने सात जून को इस मामले में गिरफ्तार सभी छह आरोपियों मनोरंजन डी, ललित झा, अमोल शिंदे, महेश कुमावत, सागर शर्मा और नीलम आजाद के खिलाफ करीब 1000 पन्नों का आरोपपत्र दायर किया था। इस मामले में उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने छह आरोपियों पर गैर-कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मुकदमा चलाने की अनुमति दी है। इन लोगों पर 13 दिसंबर 2023 को सदन की कार्यवाही के दौरान संसद पर कथित रूप से हमला करने का आरोप है। आरोप है कि मनोरंजन डी, सागर शर्मा, अमोल धनराज शिंदे, नीलम, ललित झा और महेश कुमावत नामक लोगों ने संसद में अवैध रूप से प्रवेश किया। साथ ही चालू सत्र के दौरान लोकसभा में धुएं के कैन फेंके। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने उपराज्यपाल से यूएपीए की धारा 16 और 18 के तहत उनके अभियोजन का अनुरोध किया था। एलजी ने रिकॉर्ड पर पर्याप्त सामग्री पाए जाने पर अभियोजन स्वीकृति प्रदान की। इस मंजूरी से पहले समीक्षा समिति (डीओपी, तीस हजारी, दिल्ली) ने भी 30 मई को जांच एजेंसी द्वारा एकत्र किए गए संपूर्ण साक्ष्यों की जांच की। जांच में संसद हमले के मामले में आरोपियों की संलिप्तता पाई गई थी। इसे देखते हुए समीक्षा समिति ने पाया कि प्रथम दृष्टया आरोपियों के खिलाफ यूएपीए के तहत मामला बनता है। दिल्ली पुलिस ने लोकसभा में सुरक्षा अधिकारी द्वारा की गई शिकायत पर संसद मार्ग पुलिस स्टेशन में आईपीसी और यूए (पी) अधिनियम की तहत एफआईआर दर्ज की। बाद में मामले की जांच संसद मार्ग पुलिस स्टेशन से पीएस स्पेशल सेल, नई दिल्ली की काउंटर इंटेलिजेंस यूनिट को स्थानांतरित कर दी गई थी। जांच के दौरान उपरोक्त छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और वर्तमान में वे सभी न्यायिक हिरासत में हैं।