राष्ट्रीय

जी7 से इतर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन से मुलाकात कर सकते हैं पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी7 सम्मेलन में शामिल होने के लिए इटली रवाना होंगे। यह प्रधानमंत्री मोदी का तीसरे कार्यकाल का पहला विदेश दौरा है। भारत के विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने यह जानकारी दी। इटली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी7 से इतर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन से मुलाकात कर सकते हैं। इटली में जी7 के 50वें सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। यह 14 जून से शुरू होगा और इटली ने भारत को बतौर मेहमान सदस्य आमंत्रित किया है। कांग्रेस ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर उनके तीसरे कार्यकाल की पहली विदेश यात्रा को लेकर कटाक्ष किया। कांग्रेस ने कहा कि 'वह इस साल के जी7 शिखर सम्मेलन में 'अपनी कमजोर हुई अंतरराष्ट्रीय छवि को बचाने' के लिए इटली जा रहे हैं।' कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि 'अमेरिका, कनाडा, जर्मनी, फ्रांस, इटली, ब्रिटेन और जापान के राष्ट्राध्यक्षों का जी7 शिखर सम्मेलन 1970 के दशक के उत्तरार्ध से हो रहा है।' उन्होंने बताया कि 1997 से 2014 के बीच रूस भी इसका सदस्य था। रमेश ने कहा कि '2003 से भारत, चीन, ब्राजील, मैक्सिको और दक्षिण अफ्रीका को भी जी7 शिखर सम्मेलनों में आमंत्रित किया गया है।' उन्होंने कहा कि भारत के दृष्टिकोण से जी7 शिखर सम्मेलनों में सबसे प्रसिद्ध जून 2007 में जर्मनी के हेलिगेंडम में हुआ था, क्योंकि यहीं पर वैश्विक जलवायु परिवर्तन वार्ता में समानता सुनिश्चित करने के लिए प्रसिद्ध सिंह-मर्केल फॉर्मूला पहली बार दुनिया के सामने पेश किया गया था। रमेश ने कहा, 'इस पर अभी भी चर्चा होती है। डॉ. मनमोहन सिंह और जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल ने इतिहास रच दिया। डॉ. मनमोहन सिंह खोखले आत्म-प्रशंसा के माध्यम से नहीं, बल्कि ठोस आधार पर वैश्विक दक्षिण की आवाज बनकर उभरे।' कांग्रेस महासचिव ने कहा, 'निश्चित रूप से हमारे 'एक तिहाई' प्रधानमंत्री से यह अपेक्षा करना बहुत ज्यादा है कि वे इस इतिहास को जानें या स्वीकार करें, क्योंकि वे इस साल के शिखर सम्मेलन में अपनी कम होती अंतरराष्ट्रीय छवि को बचाने के लिए इटली जा रहे हैं।' मोदी एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ गुरुवार को इटली जाएंगे, जहां वे 14 जून को शिखर सम्मेलन के आउटरीच सत्र में भाग लेंगे। तीसरे कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद यह उनकी पहली विदेश यात्रा होगी। इटली के अपुलिया क्षेत्र में बोर्गो एग्नाज़िया के आलीशान रिसॉर्ट में 13 से 15 जून तक आयोजित होने वाले जी7 शिखर सम्मेलन में यूक्रेन में चल रहे युद्ध और गाजा में संघर्ष का मुद्दा छाया रहेगा।  

कौन-कौन से देश हैं जी7 संगठन में शामिल

जी7 समिट इटली के अपुलिया क्षेत्र में होगा। जी7 संगठन के सदस्य देशों की बात करें तो इसमें अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी, इटली, जापान और फ्रांस के साथ ही यूरोपीय यूनियन भी शामिल हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए बुधवार रात इटली पहुंचे, जिसमें कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और यूनाइटेड किंगडम के नेताओं के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी विशेष आमंत्रित के रूप में भाग ले रहे हैं। गुरुवार को बाइडन यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के साथ बैठक करेंगे। इस दौरान दोनों नेता यूक्रेन के लिए एक द्विपक्षीय सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे, 'यह स्पष्ट करते हुए कि हमारा (अमेरिकी) समर्थन भविष्य में भी लंबे समय तक बना रहेगा'। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, जलवायु परिवर्तन और आपूर्ति श्रृंखला जैसी कुछ नई महत्वपूर्ण चुनौतियों के अलावा यूक्रेन और मध्य पूर्व में युद्ध के जी-7 शिखर सम्मेलन में हावी रहने की उम्मीद है। 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button