श्रीलंका की धरती पर नहीं होने देंगे भारत विरोधी गतिविधि, राष्ट्रपति दिसानायके ने जयशंकर को दिलाया भरोसा…
श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात के दौरान कहा कि वह श्रीलंका की धरती का इस्तेमाल भारत के खिलाफ गितिविधियों के लिए नहीं होने देंगे।
दोनों देशों ने जयशंकर के साथ बैठक में इस बात पर भी सहमति जताई कि सुरक्षा और रक्षा हित आपस में घनिष्ठ रूप से जुड़े हुए हैं। दिसानायके के पदभार संभालने के बाद से जयशंकर श्रीलंका की यात्रा करने वाले पहले विदेश मंत्री हैं।
भारत सरकार ने कहा, “उनका सहयोग आपसी हित में है और इसने क्षेत्र की स्थिरता और सुरक्षा में योगदान दिया है। विश्वास, पारदर्शिता और आपसी संवेदनशीलता को बढ़ावा देने वाले निरंतर संवाद के महत्व को पहचाना गया।”
एस जयशंकर ने पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से दिसानायके को भारत आने का निमंत्रण दिया। श्रीलंका के राष्ट्रपति ने कहा कि समृद्ध श्रीलंका के उनके सपने को साकार करने और लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए भारत का आर्थिक समर्थन महत्वपूर्ण है।
उन्होंने भारत को अक्षय ऊर्जा के निर्यात की संभावनाओं का जिक्र किया, जिससे श्रीलंका में उत्पादन लागत कम करने और अतिरिक्त संसाधन बनाने में मदद मिल सकती है। दिसानायके ने भारतीय पर्यटकों के योगदान का उल्लेख किया और माना कि इसमें और वृद्धि की संभावना है।
जयशंकर ने आश्वासन दिया कि श्रीलंका की प्राथमिकता वाली परियोजनाओं के माध्यम से श्रीलंका को भारत की चल रही विकास सहायता जारी रहेगी।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत ने 61.5 मिलियन डॉलर के अनुदान के माध्यम से कांकेसंथुराई बंदरगाह को आधुनिक बनाने की पेशकश की है।
उन्होंने बताया कि 20 मिलियन डॉलर की सात पूर्ण हो चुकी लाइन ऑफ क्रेडिट परियोजनाओं के लिए भुगतान को अनुदान में बदला जा सकता है।
भारत ने श्रीलंकाई रेलवे को 22 डीजल इंजन उपहार में देने का भी फैसला किया है। जयशंकर ने मछुआरों और जातीय मुद्दों को उठाया और श्रीलंका की एकता, क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता को बनाए रखते हुए समानता, न्याय, सम्मान, शांति के लिए तमिलों सहित सभी समुदायों की आकांक्षाओं के लिए भारत के समर्थन को दोहराया।
The post श्रीलंका की धरती पर नहीं होने देंगे भारत विरोधी गतिविधि, राष्ट्रपति दिसानायके ने जयशंकर को दिलाया भरोसा… appeared first on .