राष्ट्रीय

गुजरात में अगस्त 2024 में विभिन्न हाइड्रो पावर स्टेशन द्वारा 1067 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन

गांधीनगर | इस मानूसन सीजन में मेघों की मेहर से तरबतर हुए गुजरात में पानी की भरपूर आवक के कारण राज्य के बांध लबालब हो चुके हैं। फलस्वरूप हाइड्रो पावर स्टेशन से रिकार्ड बिजली का उत्पादन हो रहा है। उकाई, कडाणा और सरदार सरोवर जैसे गुजरात के बड़े बांधों से अगस्त-2024 में 1067.3 मिलियन यूनिट (एमयू) बिजली का उत्पादन हुआ है। वहीं, जुलाई में बिजली उत्पादन का आंकड़ा 308.7 मिलियन यूनिट था। उल्लेखनीय है कि स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने तथा ऊर्जा संक्रमण (एनर्जी ट्रांजिशन) को सुगम बनाने के महत्वाकांक्षी विजन के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में वर्तमान में विभिन्न स्तरों पर प्रयास किए जा रहे हैं। भारत ने वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा क्षमता तक पहुंचने और कुल स्थापित बिजली क्षमता के संदर्भ में रिन्यूएबल एनर्जी की हिस्सेदारी को कम से कम 50 फीसदी तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है।

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मार्गदर्शन में गुजरात इस विजन को हासिल करने की दिशा में सक्रिय दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ रहा है। वर्तमान में सोलर रूफटॉप, हाइड्रो पावर परियोजनाएं और रिन्यूएबल एनर्जी पार्क सहित विभिन्न परियोजनाएं राज्य में नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन को गति दे रही हैं। गुजरात में पानी की समस्या को दूर करने के लिए महत्वपूर्ण सरदार सरोवर बांध में अगस्त महीने में बिजली का उत्पादन 800 मिलियन यूनिट के पार पहुंच गया है। सरदार सरोवर (रिवरबेड पावर हाउस-आरबीपीएच) और सरदार सरोवर (कैनाल हेड पावर हाउस-सीएचपीएच) से अगस्त महीने में कुल 891 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन हुआ है। उधर, राज्य के अन्य हाइड्रो पावर संयंत्रों के बिजली उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। उकाई, कडाणा, पानम और सरदार सरोवर बांध से पिछले पांच वर्षों में औसतन 4600 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन देखने को मिला है।

वर्ष 2022-23 में राज्य का कुल हाइड्रो पावर उत्पादन 6170.456 एमयू रहा था, जो वर्ष 2021-22 के 2629.059 एमयू की तुलना में 134 फीसदी अधिक है। वर्ष 2023-24 में राज्य का कुल हाइड्रो पावर उत्पादन 4584.932 एमयू रहा है। गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शिता और दीर्घकालिक आयोजन के कारण ही आज गुजरात नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में देश का एक अग्रणी राज्य बन गया है। मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान देश में पहली बार गुजरात में क्लाइमेट चेंज विभाग की स्थापना की गई थी, जिसके कारण स्थिरता-टिकाऊपन, ऊर्जा संक्रमण और नेट-जीरो जैसे लक्ष्यों को हासिल करने के लिए सक्षम कदम उठाए जा सके हैं। गुजरात देश का पहला ऐसा राज्य है, जिसने राज्य में नवीकरणीय ऊर्जा के विकास को प्रोत्साहन देने वाली रिन्यूएबल एनर्जी से संबंधित नीतियां जारी की है।

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