छत्तीसगढराज्य

राहुल गांधी ने राय मांगी; हुड्डा 3-4 सीटों पर राजी, चंडीगढ़ में इसी फॉमूले से निगम-लोकसभा जीते

पानीपत। हरियाणा विधानसभा चुनाव के बीच राजनीति को चौंकाने वाली खबर सामने आई है। यहां चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में गठबंधन हो सकता है। दोनों ही पार्टियां पहले ही इंडिया ब्लॉक के सदस्य हैं। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक इसकी पहल राहुल गांधी ने की है। केंद्रीय चुनाव समिति की मीटिंग में राहुल गांधी ने हरियाणा के नेताओं से इस बारे में पूछा। इसके बाद एक सीनियर नेता की ड्यूटी लगाई कि वह इस बारे में प्रदेश के नेताओं से बात करे। इससे पहले लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस-आप ने मिलकर चुनाव लड़ा था। कांग्रेस ने 9 और आप ने 1 सीट पर चुनाव लड़ा था। कांग्रेस 5 सीटें जीती लेकिन आप कुरूक्षेत्र सीट हार गई थी। हालांकि चंडीगढ़ चुनाव में एक साथ लडऩे पर कांग्रेस-आप ने निगम और लोकसभा चुनाव जीता था।
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक चुनाव समिति की मीटिंग में राहुल गांधी ने नेताओं से पूछा कि क्या हमें हरियाणा में आम आदमी पार्टी से गठबंधन करना चाहिए?। वहां राय जानने की कोशिश के बाद सीनियर नेता को कहा कि वह नेताओं से बात करे। गठबंधन संभव है या नहीं और अगर हुआ तो इसके फायदे-नुकसान क्या होंगे, इसके बारे में रिपोर्ट मांगी है।
अपनाया जाएगा लोकसभा चुनाव वाला फॉर्मूला
माना जा रहा है कि गठबंधन हुआ तो सीट बंटवारे को लेकर लोकसभा चुनाव वाला फॉर्मूला ही अपनाया जा सकता है। इसको लेकर आज शाम को होने वाली केंद्रीय चुनाव समिति की दूसरी मीटिंग में स्थिति साफ हो सकती है। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया ने कहा गठबंधन हो सकता है। इसके लिए आप और बाकी इंडिया के सहयोगी बाकी दलों के साथ बातचीत चल रही है। हम हरियाणा में वोटों का ध्रुवीकरण और भाजपा को रोकना चाहते हैं। वहीं इस मामले में भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि अगर गठबंधन होता है तो आप को केवल 3-4 सीटें दे सकते हैं। मगर, आप इससे ज्यादा मांग रही है, इसलिए गठबंधन मुश्किल है। वहीं भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि कांग्रेस को पता लग गया है कि वह हरियाणा नहीं जीत सकती। इसलिए आखिरी वक्त में कुछ उपाय कर रही है। आप से गठबंधन की बात कर रही है लेकिन प्रदेश की जनता भाजपा के साथ है। कांग्रेस जो मर्जी कर ले, किसी से गठबंधन कर ले, भाजपा ही आएगी।
भाजपा को हराना प्राथमिकता
वहीं आप के संजय सिंह ने कहा कि  भाजपा और उसकी नफरत की राजनीति तथा लोगों, किसानों और युवाओं के खिलाफ राजनीति को हराना हम सभी की प्राथमिकता है। हालांकि, सिंह ने कहा कि इस मुद्दे पर कोई भी आधिकारिक रुख आप के हरियाणा मामलों के प्रभारी संदीप पाठक और प्रदेश अध्यक्ष सुशील गुप्ता द्वारा तय किया जाएगा। आप के वरिष्ठ नेता ने कहा, इस संबंध में कोई भी अंतिम निर्णय केजरीवाल की मंजूरी के बाद हरियाणा में संगठनात्मक और चुनाव संबंधी कार्यों से जुड़े हमारे नेताओं द्वारा लिया जाएगा।

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