लखनऊ । उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में महिला सुरक्षा के मुद्दे पर समाजवादी पार्टी पर करारा हमला किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार महिला सुरक्षा को लेकर पूरी तरह गंभीर है। सीएम योगी ने कहा कि सत्ता में आने के बाद सबसे पहले हमने शोहदों पर लगाम कसने के लिए जो कार्रवाई की, एंटी रोमियो स्क्वाड इसका उदाहरण है। मुझे दुख होता है कि एंटी रोमियो स्क्वाड का गठन हुआ तब सबसे पहले इसका विरोध सपाईयों ने किया था। ये बोलने में भी मुझे कोई संकोच नहीं है कि महिला संबंधी अपराधों के मामलों में सीधे और किसी और तौर पर सपा के लोग ही जुड़े हैं। महिला सुरक्षा के लिए ये समाजवादी खुद ही एक गंभीर खतरा हैं। हमारी सरकार प्रदेश में हर बेटी को और हर व्यापारी को सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
महिला सुरक्षा से संबंधित प्रश्न का जवाब देकर सीएम योगी ने कहा कि महिला और बाल सुरक्षा से जुड़े मुद्दे दो प्रकार के होते हैं। एक घर के अंदर और दूसरा घर के बाहर। दोनों मुद्दों को ध्यान में रखकर सरकार ने ठोस कदम उठाए हैं। 2016 की तुलना में सभी तरह के मामलों में कमी दिखाई दी है। 2016 की तुलना में दहेज जैसी घटनाओं में 2023-24 के बीच में लगभग 17.5 प्रतिशत की कमी आई है। 2016 की तुलना में 2023-24 में बलात्कार की घटनाओं में 25.30 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। इस दौरान 24 हजार 402 प्रकरणों में अभियुक्तों को अब तक सजा दिलाई जा चुकी है। 2017-24 के बीच पॉक्सो एक्ट में 9875 अभियोगों में सजा दिलाई गई है।
सीएम योगी ने बताया कि प्रदेश में इस दिशा में कई अन्य प्रयास भी हुए हैं। इन्वेस्टिगेशन ट्रैकिंग सिस्टम फॉर सेक्सुअल ऑफेंसेज को लेकर भारत सरकार ने जो अपना पोर्टल तैयार किया है, उस हमारी सरकार ने 2018 में ही सक्रिय कर दिया है। इसके तहत प्रदेश के अंदर प्रॉपर मॉनीटरिंग की गई है, जिसका परिणाम है कि पेंडेंसी रेट में तेजी से कमी दर्ज की गई है। पेंडेंसी रेट में उत्तर प्रदेश, देश में दूसरे स्थान पर है, जबकि इन मामलों के तहत अपराधियों को सजा दिलाने के मामले में उत्तर प्रदेश तीसरे स्थान पर है। ई प्रॉसीक्यूशन में उत्तर प्रदेश देश में नंबर एक स्थान पर है। महिला और बाल अपराध संबंधी अभियोगों के निस्तारण में यूपी देश में प्रथम स्थान पर है। इस दौरान लगभग 98 प्रतिशत से अधिक मामलों का निस्तारण किया गया है। यही नहीं, प्रदेश के अंदर हर जनपद में एक महिला थाना स्थापित करने के साथ ही एक अतिरिक्त थाने की जिम्मेदारी भी महिला थानाध्यक्ष को उपलब्ध कराई गई है। प्रदेश में 1585 थानों में अलग से एक महिला हेल्प डेस्क बनाई गई है।
सीएम योगी ने बताया कि 2020 से हमारी सरकार ने मिशन शक्ति के अभियान को बढ़ाया है। इसके तहत पिछले 7 वर्ष में लगभग डेढ़ लाख पुलिस कार्मिकों की भर्ती हुई है। जहां 2017 के पहले तक कुल 10 हजार महिला कार्मिकों की भर्ती हुई थी, जबकि 2017 से 2022-23 के बीच 20 हजार से अधिक महिला पुलिस कांस्टेबल की भर्ती करने में सफलता प्राप्त हुई है। यानी आजादी के बाद 70 वर्षों में जितनी महिला पुलिस कार्मिकों की भर्तियां हुई थीं, उससे दोगुनी भर्ती महज 5 वर्षों में हमारी सरकार ने की है।