स्विगी का आईपीओ आज से शुरू, पैसे लगाने से पहले जानें एक्सपर्ट की राय 

फूड डिलीवरी और क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म स्विगी का आईपीओ आज यानी 6 नवंबर 2024 को सब्सक्रिप्शन के लिए खुल रहा है। कंपनी 11.3 अरब डॉलर यानी लगभग 95,000 करोड़ रुपये के मूल्यांकन पर पैसे जुटाने वाली है। स्विगी का आईपीओ से 11,327 करोड़ रुपये जुटाने का प्लान है। इसमें 4,499 करोड़ रुपये की फ्रेश इक्विटी और 6,828 करोड़ रुपये का ऑफर फॉर सेल (OFS) शामिल होगा।

कितना होगा आईपीओ का प्राइस बैंड

स्विगी ने आईपीओ के लिए 371 रुपये से 390 रुपये प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय किया है। इसके एक लॉट में 38 शेयर होंगे। इसका मतलब कि अपर प्राइस बैंड के हिसाब से रिटेल इन्वेस्टर्स को कम से कम 14,820 रुपये का निवेश करना होगा। इस आईपीओ में निवेशक 6 नवंबर से 8 नवंबर तक पैसे लगा सकेंगे। शेयरों का अलॉटमेंट 11 नवंबर होगा। वहीं, एनएसई और बीएसई पर इसकी लिस्टिंग 13 नवंबर को हो सकती है।

स्विगी के आईपीओ का जीएमपी

स्विगी के आईपीओ को ग्रे मार्केट में काफी सुस्त प्रतिक्रिया मिल रही है। इसका जीएमपी फिलहाल गिरकर 12 रुपये है, जो 3 फीसदी के मामूली लिस्टिंग गेन का संकेत दे रहा है। ग्रे मार्केट एक अन-लिस्टेड मार्केट है। यहां पर आईपीओ की लिस्टिंग से पहले शेयरों की खरीद-बिक्री होती है। हालांकि, यहां भाव लगातार बदलते रहते हैं।

IPO पर ब्रोकरेज की राय

ब्रोकरेज हाउस एसबीआई सिक्योरिटीज ने स्विगी के आईपीओ को लॉन्ग टर्म के लिए सब्सक्राइब करने की सलाह दी है। उसने स्विगी के कुछ पॉजिटिव फैक्टर बताए हैं। मसलन, हाई-फ्रीक्वेंसी हाइपरलोकल कॉमर्स सेगमेंट में कंपनी लीडर्स में शामिल है। हालांकि, आदित्‍य बिरला कैपिटल ने स्विगी के आईपीओ से दूरी बनाने की सलाह दी है। उसने कड़ी प्रतिस्पर्धा और वैल्यूएशन घटाने जैसे नेगेटिव फैक्टर गिनाए हैं।

कितना सही है स्विगी का वैल्यूएशन

वैल्यूएशन के बारे में बात करते हुए स्विगी फूड मार्केटप्लेस के सीईओ रोहित कपूर ने कहा, "हमें लगता है कि हमने इसकी सही कीमत तय की है और हम अगले कुछ दिनों का इंतजार कर रहे हैं।" स्विगी का मूल्यांकन ऊपरी मूल्य बैंड पर लगभग 11.3 बिलियन डॉलर (लगभग 95,000 करोड़ रुपये) आंका गया है। जुलाई 2021 में लिस्ट हुई प्रतिद्वंद्वी जोमैटो का बाजार मूल्यांकन 2.13 लाख करोड़ रुपये है।

स्विगी का वैल्यूएशन घटा है?

स्विगी के मूल्यांकन में कटौती के बारे में मीडिया रिपोर्टों के बारे में पूछे जाने पर कपूर ने स्पष्ट किया कि मूल्यांकन में कोई कमी नहीं की गई है। उन्होंने पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा कि कंपनी का वास्तविक मूल्य तब निर्धारित होता है जब वास्तव में लेनदेन होता है। कपूर ने कहा, "यह सब मीडिया में मूल्य के बारे में अटकलें हैं। इसलिए मामले का तथ्य यह है कि मूल्य में न तो वृद्धि हुई है और न ही कमी आई है। मूल्य ठीक वहीं है, जहां इसे होना चाहिए।'

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