भद्रा काल में बहनों को क्यों नहीं बांधनी चाहिए राखी? ‘पाप के देवता’ से है इसका संबंध
हिंदू पर्वों में प्रमुख स्थान रखने वाला त्योहार रक्षाबंधन इस बार 19 अगस्त को मनाया जाएगा. मान्यता है कि रक्षा सूत्र बांधने से भाई-बहन के रिश्ते को और मजबूती मिलती है. रक्षाबंधन के दिन सुबह-सुबह ही बहने अपने भाइयों की कलाई में रखी बांधती हैं और प्रेम के इस त्योहार को मनाती हैं. लेकिन इस बार 19 अगस्त को बहन और भाइयों को दोपहर तक का इंतजार करना होगा. 19 अगस्त को दोपहर तक भद्रा काल चलेगा. भद्राकाल में बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी नहीं बांधती हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं ऐसी मान्यता क्यों है? आखिर क्यों भद्राकाल में बहनों को भाइयों को राखी नहीं बांधनी चाहिए? सेलिब्रिटी एस्ट्रोलॉजर प्रदुमन सूरी के अनुसार, ‘यह सुनिश्चित हो कि त्योहार शुभ मुहूर्त में मनाया जाए.’ आइए जानते हैं क्या है इसका नियम.
एस्ट्रोलॉजर प्रदुमन सूरी के अनुसार पंचांग में 5 प्रमुख अंग होते हैं. ये प्रमुख अंग है तिथि, वार, योग, नक्षत्र और करण. भद्रा भी पंचांग से जुड़ा हुआ है. भद्रा काल राखी बांधने से भाई-बहन के रिश्ते सामान्य नहीं रह पाएंगे. इसलिए राखी बांधने का सही समय तय करने के लिए पंचांग और ज्योतिष शास्त्र का ध्यान रखा जाता है.
क्या होता है भद्रा काल
भद्रा काल एक विशेष समय अवधि को कहा है जो भारतीय पंचांग के अनुसार अपशकुन का समय माना जाता है. यह समय किसी भी शुभ कार्य के लिए बिल्कुल भी अनुकूल नहीं हो सकता है. भद्रा काल का उल्लेख ज्योतिष शास्त्र में भी है. भद्रा काल में राखी बांधने से विशेष अशुभ परिणामों की आशंका होती है. पौराणिक कहानी के अनुसार भद्रा शनिदेव की बहन है. देवी भद्रा का स्वभाव विनाश करना है. इसलिए राखी को भद्रा काल के बाहर बांधना ही उचित माना जाता है. एक अन्य प्रचलित कथा के अनुसार, भद्रा काल माता पार्वती के भाई भगवान विष्णु के पुत्र भद्रा के नाम पर रखा गया है. भगवान विष्णु के पुत्र भद्रा को भगवान शिव ने अपना द्वारपाल बनाया था और उन्हें यह आदेश दिया था कि जब भी कोई शुभ कार्य हो तो वह उस समय में उपस्थित न हों. इसलिए, जब भी भद्रा काल होता है, तब कोई शुभ कार्य नहीं किया जाता है.
राखी बांधने का यह समय शुभ
19 अगस्त को दोपहर डेढ़ बजे तक भद्रा काल लगा है. इसलिए इस समय राखी नहीं बांधी जाएगी. रक्षाबंधन का मुहूर्त दोपहर 1:30 से रात 9:06 बजे तक है. इस दिन राखी बांधने के लिए करीब साढ़े 7 घंटे तक का समय उत्तम रहेगा.